अमेरिकी सांसदों की ओर से राष्ट्रपति ट्रंप से टिकटॉक समेत अन्य चीनी मोबाइल ऐप्स पर पाबंदी के अनुरोध के बाद व्हाइट हाउस का बड़ा बयान, व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज ने कहा, कुछ ही हफ्तों में होगा फैसला, अधिकारी राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे पर कर रहे हैं विचार.
अमेरिका के प्रभावशाली 24 रिपब्लिकन सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बुधवार को टिकटॉक और अन्य चीनी मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध करते हुए कहा कि भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के कारण 59 चीनी ऐप्स को प्रतिबंधित करने का असाधारण कदम उठाया है। टिकटॉक और अन्य सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध लगाने की प्रशासन की कोशिशों का समर्थन करते हुए सांसदों ने ट्रंप को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि इन लोकप्रिय ऐप्स की डेटा एकत्रित करने की प्रक्रिया चीन के सख्त साइबर सुरक्षा कानूनों से जुड़ी है। इन कानूनों के तहत चीन में काम कर रही सभी कंपनियों जिनमें टिकटॉक की मूल कंपनी बायटेडांस भी शामिल हैं, उन्हें सीसीपी अधिकारियों के साथ उपभोक्ता के डेटा साझा करने पड़ते हैं जो कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। सांसदो ने ट्रंप को लिखा, ”हम आपके प्रशासन से अमेरिकी लोगों की निजता और सुरक्षा की रक्षा करने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं।”
इस महीने की शुरुआत में पोम्पिओ ने कहा था कि अमेरिका टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा सकता है। जाहिर है चीन दुनिया भर में तमाम मामलों में घिरता जा रहा है । दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन का वियतनाम, फिलीपींस मलेशिया और इंडोनिशिया जैसे देशों से विवाद चल रहा है । अमेरिका भी इस मामले में चीन के खिलाफ हैं । अब ऑस्ट्रेलिया ने भी दुहराया है कि वो दक्षिण चीन सागर में फ्रीडम ऑफ नेविगेशन का पूरा समर्थन करता है। भारत ने भी साफ कहा है कि दक्षिण चीन सागर में फ्रीडम ऑफ नेविगेशन का पूरा समर्थन करता है और कोई भी विवाद वार्ता और कानूनी दायरे में हल होने चाहिए।
इसके अलावा हांगकांग के कानूनों के बदलाव और मानवाधिकार जैसे मसले पर भी चीन दुनिया में घिरा हुआ है । कोविड 19 से जुडे मसले पर भी चीन और अमेरिका में हाल के दिनों में तनातनी देखी गयी है । व्यापापर के मसले पर भी अमेरिका और चीन के बीच लगातार तकरार हो रही है ।