मेगा परियोजनाओं ने भारत को विश्व में ऊंचाई पर रखा है। ऐसे समय में जब विकास दर में कमी और महंगाई से देशों को जूझना पड़ रहा है। चीन के घटते विकास दर और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में कमी के बावजूद एशिया प्रशांत ने अपने वैश्विक एफडीआई के ताज को कायम रखा है। 2015 में विश्वभर में नई परियोजनाओं में निवेश का 45 फीसद इस क्षेत्र में हुआ है। कई वर्षों में पहली बार क्षेत्रीय एफडीआई विकास में चीन पिछड़ गया। उसके पूंजी निवेश में 23 फीसद की कमी आई। रिपोर्ट के मुताबिक, नई परियोजनाओं में पूंजी निवेश के मामले में भारत शीर्ष देश रहा। 2015 में भारत में ऐसी परियोजनाओं में 63 बिलियन डॉलर के विदेशी निवेश की घोषणा की गई। परियोजनाओं की संख्या आठ फीसद बढ़कर 697 हो गई है।