सुरेश भट्ट : आज की भाग दौड़ की जिंदगी में आम इन्शान अपने सेहत की और ध्यान नहीं दे पाता, नतीजन कई बिमारियों का शिकार हो जाता है और इन बिमारियों में कबज ,थकान होना ,नींद न आना इत्यादि है इनके इलाज़ के लिए व्यक्ति लगातार अंग्रेजी दवा का सेवन करता रहता है ,जिसका परिणाम स्वरूप इलाज़ होंमे की बजाये और कई पर्कार की बिमारियों का शिकार व्यक्ति हो जाता है ,यदि हम हम अपने सेहत और शरीर की और थोड़ा सा भी ख्याल रखना शुरू कर दें साथ ही ,आयुर्वेद को अपनाएं तो हम बड़ी से बड़ी बिमारियों से बच सकते है ,आयुर्वेद भारत की प्राचीन पद्यति है जो हमारे लिए अनमोल रतन है ,देवता , गन्धर्व ,ऋषि मुनि सभी ने आयुर्वेद को अपनाकर अपना जीवन सफल बनाया ! आयुर्वेद में एक साधारण सी औषधि है जो मनुष्य का कायाकल्प तक कर सकती है जिसका नाम है त्रिफला ! त्रिफला तीन फ्लो के संगम से बना है जिनका नाम है हरीतकी (हरड़),व्हितकी(वहेड़ा) और आमलकी (आंवला ) त्रिफला एक रशयन है ,जो कई पर्कार की बिमारियों के निदान करने का काम करता है !त्रिफला एक कायाकल्प वाली औषधि है ,जिसके सेवन करने से बहुत से फायदे है !सबसे पहले तो इससे लपेट की कबज दूर होती है ,थकान दूर करने का काम भी ये करता है ,अगर शरीर में कमज़ोरी भी आती है तो शरीर के एनर्जी देने का काम भी त्रिफला करता है !