भारत के मरियप्पन थंगावेलु ने रियो पैरालिंपिक-2016 में ऊंची कूद टी-42 में स्वर्ण पदक जीता है। इसी प्रतियोगिता में वरुण सिंह भाटी तीसरे स्थान पर रहे और उन्होंने भारत के लिए कांस्य पदक जीता।
ऊंची कूद टी-42 में शरद कुमार पदक नहीं जीत पाए। मरियप्पन थंगावेलु के स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही भारत पैरालिंपिक में 3 स्वर्ण पदक जीत चुका है। इससे पहले मुरलीकांत पेटकर और देवेंद्र झांझरिया 1972 और 2004 के पैरालिंपिक खेलों में सोना जीत चुके हैं।
इस प्रतियोगिता में कड़ा मुकाबला देखने को मिला। कुल 12 में से 9 खिलाड़ियों ने पहले पांच प्रयासों में 1.65 मीटर ऊंची छलांग को सफलतापूर्वक पूरा किया। इसमें भारत के मरियप्पन भी शामिल थे। 22 वर्षीय भाटी ने भी छठे प्रयास में 1.68 मीटर की छलांग लगाई।
मुकाबले में आखिरकार मरियप्पन ने 1.89 मीटर ऊंची छलांग लगाते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। तमिलनाडु के मरियप्पन ने ट्यूनीशिया में हुए आईपीसी ग्रैंड प्रिक्स में पुरुषों के ऊंची कूद प्रतियोगिता टी-42 में 1.78 मीटर छलांग लगाकर रियो पैरा ओलंपिक के लिए ए-क्वॉलिफिकेशन स्टैंडर्ड के साथ अर्हता हासिल की थी।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पैरालिंपिक खेलों में स्वर्ण और कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट संदेश में कहा कि मरियप्पन थंगावेलु और वरुण सिंह की जीत पर शुभकामनाएं, भारत को उनकी कामयाबी पर गर्व है।
भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने स्वर्ण पदक विजेता को 75 लाख रुपये नकद और कांस्य पदक विजेता को 30 लाख रुपये नकद राशि देने की घोषणा की है।