आरोप है कि महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कई लोगों को नियमो को नज़रअंदाज़ कर मनमाने तरीके से नौकरी और मोटी सैलरी दी। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह ने दिल्ली महिला आयोग की अध्य़क्ष स्वाति मालीवाल पर भर्तियों में भाई-भतीजा वाद का आरोप लगाकर एसीबी को शिकायत दी थी।
दूसरी शिकायत पूर्व मुख्य सचिव उमेश सहगल ने की थी । उमेश सहगल ने स्वाति मालीवाल पर आरोप लगाया कि एक महिला की छोटी शिकायत के आधार पर उनकी पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई, जिससे उनकी प्रतिष्ठा को धक्का पहुंचा। दिल्ली महिला आयोग की चेयरमैन स्वाति मालीवाल के खिलाफ दो शिकायतें करीब 15 दिन पहले एंटी करप्शन ब्रांच को मिली थीं।
एसीबी को प्रारंभिक जांच में इस शिकायत में दम नजर आया लिहाजा कुछ दस्तावेजों की तलाश में ये छापेमारी हुई है। करीब 4 घंटे तक एसीबी की टीम ने दिल्ली महिला आयोग के दफ्तर पर कई फाइलों को खंगाला। गौरतलब है कि आयोग की मौजूदा अध्यक्ष स्वाति मालिवाल आम आदमी पार्टी से जुड़ी हैं जबकि पूर्व अध्यक्ष बरखा शुक्ला सिंह कांग्रेस की नेता हैं। बरखा सिंह ने स्वाति मालीवाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 85 लोगों को दी जाने वाली नौकरी में 10 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक की तनख्वाह दी गई जबकि योग्यता का कोई पैमाना नहीं रखा गया।
वहीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने ट्वीट कर इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मैने कुछ भी गलत नही किया है। मुझे 30,000 रुपये सैलेरी मिलती है जो मेरे लिये पर्याप्त है।
दिल्ली महिला आयोग महिलाओं के लिये काम करता रहेगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी ट्वीट करके छापे की कार्यवाही पर नाराजगी जाहिर की।
इससे पहले दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल से दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को तुरंत उनके पद से बर्खास्त करने की मांग की थी। स्वाती मालीवाल के दिल्ली महिला आयोग के अध्यक्ष का पद संभालते ही विवादों का दौर भी शुरु हो गया था और ताजा घटनाक्रम ने इस फैहरिस्त को और बढ़ा दिया है।