चंडीगढ़। देश में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी को नियंत्रित करने की दिशा में अगर सार्थक प्रयास करना है तो लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा दिया जाना समय की मांग की है। यह निषकर्ष स्थानीय पी.एच.डी. चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा वित्तीय साधनों को जुटाने, गुणवत्ता में सुधार, सूक्ष्म-लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) की उत्पादकता को बढ़ावा देने के विषय पर आयोजित कार्यशाला में भाग लेने वाले विशेषज्ञों ने अपने-अपने वकत्तव्य के माध्यम से निकाला।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि पधारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की महाप्रबंधक सुश्री रचना दीक्षित ने कहा कि भारत सरकार द्वारा सूक्ष्म तथा लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आर.बी.आई. द्वारा तमाम बैंकों को यह निर्देश जारी किए गए हैं कि वह एम.एस.एम.ई को दिए जाने वाले ऋण में हर साल औसतन 20 फीसदी की वृद्धि करें। केंद्रीय बैंक द्वारा यह भी कहा गया है कि वह कुल ऋण का 7.5 प्रतिशत हिस्सा सूक्ष्म उद्योगों को दें। क्योंकि एम.एस.एम.ई ऐसा क्षेत्र है जहां रोजगार के सृजन की अपार संभावनाएं हैं।
इस अवसर बोलते हुए सिडबी के महाप्रबंधक आनंद प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि उद्योग तथा उद्यमियों के बीच समन्वय होना जरूरी है। आज बेहतर माहौल, मजबूत बुनियादी ढांचा, अच्छे साधन तथा वित्तीय प्रबंधन तथा कुशल कारीगर अच्छे उद्योग की जरूरत हैं। उन्होंने बताया कि एम.एस.एम.ई मंत्रालय के अनुसार देश में 46 लाख से अधिक इकाइयों के माध्यम से करीब 100 करोड़ नौकरियों का सृजन किया जा रहा है। देश में इस समय एम.एस.एम.ई क्षेत्र के उद्योगों द्वारा पारंपरिक तथा आधुनिक क्षेत्र से संबंधित छह हजार उत्पादों का उत्पादन किया जा रहा है। भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए मेक इन इंडिया कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इससे लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर बोलते हुए पी.एच.डी. चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री की चंडीगढ़ कमेटी के चेयरमैन विक्रम सहगल ने कहा कि विकास के मार्ग में एम.एस.एम.ई की भूमिका को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। एम.एस.एम.ई द्वारा भारत को वैश्विक और घरेलू आर्थिक हालातों से निपटने में मजबूती दी जा रही है। उन्होंने कहा कि वैश्विक मंदी के बावजूद भारत में एम.एस.एम.ई की वृद्धि दर पिछले कई वर्षों से दस प्रतिशत पर कायम है। यह इस क्षेत्र का सुखद पहलू है।
इस अवसर पर आईडीबीआई बैंक के जोनल प्रमुख कुमार नील लोहित, एम.एस.एम.ई मंत्रालय के लुधियाना संस्थान के सहायक निदेशक संजय मीना, हरियाणा चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष ए.एल. अग्रवाल के अलावा हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के कई उद्योगपति मौजूद थे।