चंडीगढ़, 11 अक्तूबर: पंजाब कांगे्रस ने कांग्रेस-अकाली दल के मध्य खनन के मुद्दे पर मिलीभगत होने बारे झुठी अफवाहें फैलाने वाले आप नेता कंवर संधु पर बीते सालों के दौरान उनके द्वारा अकाली दल से लिए कई व्यक्तिगत व प्रोफैशनल फायदों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए झूठी कहानियां बनाने का आरोप लगाया है।
इस क्रम में उनसे अपने बेटे की पिछले दरवाजे से एंट्री और इसी तरह, एक पी.सी.एम.एस डाक्टर के रूप में नियुक्ति समेत लिए कई फायदों के प्रति स्पष्टीकरण देने की मांग करते हुए पंजाब कांगे्रस के वरिष्ठ नेताओं ने गोलक चोर संधु द्वारा अवैध खनन बारे दिए बयान को निराधार करार दिया है।
कांग्रेसी नेताओं ने आप की पंजाब डायलॉग कमेटी के चेयरमैन संधु व पंजाब कनवीनर गुरप्रीत ङ्क्षसह वड़ैच के बयान को झूठों का पुङ्क्षलदा करार देते हुए सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब खनन की नीलामी सभी के लिए खुली है, तो खनन के बिजनेस को गैर कानूनी करार देना व कांग्रेस और अकालियों के मध्य मिलीभगत का सवाल ही पैदा नहीं होता।
यहां जारी एक संयुक्त बयान में प्रदेश कांग्रेस के नेताओं गुरकीरत ङ्क्षसह कोटली, अमरीक ङ्क्षसह ढिल्लों व बलबीर ङ्क्षसह सिद्धू ने कहा कि जब ठेके राज्य सरकार के औद्योगिक विभाग द्वारा नीलाम किए जाते हैं, तो उन हालातों में अवैध खनन बारे सवाल ही पैदा नहीं होता।
प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि संधु को झूठे आरोप लगाकर हम से स्पष्टीकरण मांगने की बजाय पहले यह बताना चाहिए कि किस तरह से वह बीते सालों के दौरान अकाली सरकार से कई फायदे लेते रहे हैं।
जिन्होंने संधु की विश्वसनियता पर कई गंभीर सवाल खड़े करते हुए पूछा है कि कैसे उनके बेटे को एस.जी.पी.सी द्वारा अमृतसर में चलाए जाते मैडिकल कॉलेज में एन.आर.आई कोटे में दाखिला मिल गया? क्या उन्होंने तत्कालीन एस.जी.पी.सी अध्यक्ष बीबी जगीर कौर से फायदा नहीं लिया था, जो अपनी बेटी की मौत के मामले में विवाद में घिरी हैं? उन्होंने संधु द्वारा अपने बेटे की पढ़ाई की फीस देने में विफल रहने बारे भी सवाल किए हैं कि क्या यह सच्चाई नहीं है कि इसके लिए उन्हें कई नोटिस भेजे गए थे।
प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने खुलासा किया कि संधु के बेटे को अकाली शासन के दौरान ही राज्य सरकार में एक डाक्टर (पंजाब सिविल मैडिकल सॢवस) नियुक्त किया गया था। लेकिन जल्द ही पी.सी.एम.एस भर्ती घोटाला मीडिया की सुॢखयां बनने के बाद जांच के घेरे में आ गया। जो मामला पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट में भी गया। इस दौरान अपने बेटे पर कार्रवाई होने के डर से, जो गलत तरीके से पी.सीम्एम.एस बना था व मैरिट में भी नहीं था, संधु ने सेवा के एक साल बाद ही अपने बेटे से इस्तीफा दिला दिया।
संधु ने गैर कानूनी तरीके से मैडीसिटी चंडीगढ़ में एक प्लाट भी हासिल किया था। संधु को यह भी खुलासा करना चाहिए कि क्यों उन्होंने मैडीसिटी में प्लाट के जरिए फायदा लिया, जो बाद में चॢचत चंडीगढ़ मैडीसिटी घोटाला बनकर सामने आया।
कांग्रेसी नेताओं ने मांग की है कि सियासी मजबूरियों में फंसकर झूठे आरोप लगाने की बजाय संधु को पहले उपरोक्त जिक्र किए मुद्दों पर स्पष्टीकरण देना चाहिए और अकालियों से लिए सभी फायदों बारे लोगों के बीच खुलासा करना चाहिए।
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