वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा छोटे करदाताओं के हित में पहले उठाये गये हैं कई कदम, बजट बाद आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री ने कहा मध्यम वर्ग का रखा गया ख्याल, न्यूनतम टैक्स स्लैब रखने वाला भारत दुनिया का एकमात्र देश. कल पेश किए गये आम बजट के बाद कई पहलुओं को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं. वित्त मंत्री ने ओपन हाउस के ज़रिए सभी सवालों के बेबाक जवाब दिए. वित्त मंत्री ने बताया की कैसे मध्यम वर्ग के लिए कई तरह से राहत देती रही है सरकार. यही नहीं वरिष्ठ नागरिकों , पेशेवरों, छोटे व्यापारियों को भी बजट में राहत दी गई है..
गुरूवार को पेश किए गए आम बजट में भले ही आयकर राहत की सीमा में कोई बढ़ोतरी न की गई हो लेकिन अलग-अलग तरीकों से छोटे करदाताओं को बड़ी राहत प्रदान की गई है। सरकार ने सभी वेतनभोगियों और पेंशनधारकों को 40 हजार रूपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन लागू कर मध्यम वर्ग के तबके को राहत दी है। इससे करीब ढाई करोड़ कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
इसके साथ ही वित्त मंत्री ने बजट में आम जनता पर किसी भी तरह का नया टैक्स का बोझ नहीं डाला है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि सारे कदम ईमानदार कर दाताओं को राहत देने के लिए उठाए गए हैं।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए खास तोहफा
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने वरिष्ठ नागरिकों को दी गई राहतों के बारे में कहा कि सरकार ने उनकी कई मोर्चों पर मदद की है। उन्होंने कहा, ‘हमने अलग-अलग तरीके से वरिष्ठ नागरिकों को राहत दी है। दो साल पहले ट्रांसपोर्ट अलाउंस के रूप में 800 रुपये का डिडक्शन हुआ करता था। सरकार ने इसे दोगुना कर 1600 रुपये कर दिया। इस बार हमने कहा कि आप 40 हजार रुपये का एकमुश्त डिडक्शन ले लीजिए।’
प्रोफेशनल्स को मिली राहत
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने सभी श्रेणियों के पेशेवरों के लिए 50 लाख रुपये तक की आमदनी वालों को कोई लेखा-जोखा रखने से मुक्त कर दिया है। इसमें 50 प्रतिशत को खर्च मान लिया जाएगा और आधी आमदनी को इनकम मान कर टैक्स देना होगा। इससे बड़ी संख्या में डाक्टर, वकील, वैज्ञानिक जैसे वर्ग के लोगों को काफी फायदा होगा।
छोटे व्यापारियों को होगा फायदा
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि 1.5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाली ट्रेडिंग कम्यूनिटी के लिए जीएसटी में टर्नओवर का सिर्फ 1 प्रतिशत कंपोजिशन देना होगा। 2 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले व्यापारी और कारोबारी यदि बुक मेंटेन नहीं कर सकते तो 6 प्रतिशत की अनुमानित आय मानी जाएगी। करीब 99 फीसदी छोटे और मध्यम दर्जे के उद्यमी पर कारपोरेट टैक्स की दर घटाकर 25 फीसदी कर दी गई है। 250 करोड़ की सालाना टर्नओवर वाले सभी कंपनियां इस छूट के दायरे में आएंगी । मध्यम वर्ग को खाद्य पदार्थों की महंगाई से बचाने के लिए आलू, प्याज टमाटर जैसी सब्जियों के दाम संतुलित रखने के लिए 500 करोड़ का ऑपरेशन ग्रीन य़ोजना शुरु की गई है।
पिछले बजट में भी मध्यम वर्ग का रखा गया ख्याल
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शुक्रवार को ओपन हाउस मीटिंग के दौरान बताया कि दुनिया में भारत ही एक मात्र ऐसा देश हैं जहां कि छोटे टैक्सपेयर्स को टैक्स के दायरे में लाने के लिए पिछले साल 2.5 लाख से 5 लाख रुपये वाले स्लैब पर टैक्स की दर 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी थी। न्यूनतम टैक्स स्लैब रखने वाला भारत दुनिया का एकमात्र देश है।
वित्त मंत्री ने साफ किया कि छोटे करदाताओं को राहत देने के लिए जरूरी नहीं कि टैक्स स्लैब को ही बदला जाए। उन्होंने बताया कि 50 से 70 हजार रुपए महीना कमाने वाले लोगों को अलग-अलग तरीकों से उनके पॉकेट में ज्यादा पैसे देने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद छोटे टैक्स पेयर्स को चरणबद्ध तरीके से राहत दी गई।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बताया कि उनकी सरकार बनने के समय टैक्स छूट की सीमा 2 लाख रुपए थी। जिसे 3 लाख रुपए कर दिया गया। सरकार ने टैक्स छूट का स्लैब 2 लाख से बढ़ाकर 2.50 लाख कर दिया और 2017-18 के बजट में 3.5 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी वालों को टैक्स में 2,500 रुपये की छूट दे दी।
ऐसे में 3 लाख रुपये तक की कमाई करने वाले लोग टैक्स से पूरी तरह मुक्त हो गए। इसी प्रकार बाकी के 50 हजार रुपये पर 5 प्रतिशत से 2,500 रुपये का जो टैक्स लगता, वह फ्री हो गया। ऐसे में 3 लाख रुपये तक की आमदनी टैक्स फ्री हो गई जबकि 3.5 लाख तक की सालाना आमदनी पर महज 2500 रुपये का टैक्स देना पड़ रहा है।
देश की अर्थव्यवस्था के विकास में अहम भूमिका निभाने वाले मध्यम वर्ग के लोगों के लिए सरकार ने राहत देने के लिए ढेरों कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी सरकार ने पिछले चार सालों के दौरान मध्यम वर्ग के लिए जो कदम उठाए वो अब तक नहीं उठाए गए हैं।