नीरज कुमार जोशी : आपने श्री राजीव दीक्षित जी के बारे में कई बार सुना होगा पर क्या आप उनके कार्यों के
बारे में भी जानते है ?? अगर आपके ह्रदय में अपने देश के लिए थोडा सा भी प्रेम है तो कृपया थोडा सा समय
निकाल कर एक बार श्री राजीव दीक्षित जी के बारे में अवश्य जाने। यहाँ श्री राजीव दीक्षित जी द्वारा किये गए कुछ कार्यो के बारे में एक संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया गया है। नीचे लिखे गए किसी भी कार्य के बारे में पूरी जानकारी के लिए उनके व्याख्यान सुने.
* भोपाल गैस हत्याकांड की गुनाहगार
कंपनी (UNION CARBIDE – एक अमेरिकी कंपनी) जिसकी वजह से २२,००० लोगो की जान गयी,
उस कंपनी को हमारी सरकार ने माफ़ कर दिया था लेकिन श्री राजीव दीक्षित जी को यह बात नहीं जमी और उन्होंने इस २२,००० बेगुनाह भारतीयों की हत्या करने वाली कंपनी को इस देश से भगाया।
* श्री राजीव दीक्षित जी ने १९९१ में डंकल प्रस्ताव के खिलाफ घूम-घूम कर जन-जागृति की और रैलियाँ निकालीं।
* उन्होंने विदेशी कंपनियों द्वारा हो रही भारत की लूट, खासकर कोका कोला और पेप्सी जैसे प्राण हर लेने वाले, जहरीले कोल्ड ड्रिंक्स आदि के खिलाफ अभियान चलाया और कानूनी कार्यवाही की।
* १९९१-९२ में राजस्थान के अलवर जिले में केडिया कम्पनी (जो हर दिन चार करोड़ लीटर
दारू बनाने वाली थी) के शराब- कारखानों को बन्द करवाने में श्री राजीव भाई
जी ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।
* १९९५-९६ में टिहरी बाँध के खिलाफ ऐतिहासिक मोर्चे में उन्होंने बहुत संघर्ष किया और वहाँ पर हुए पुलिस लाठी चार्ज में उन्हें काफी चोटें भी आई। इसी प्रकार श्री राजीव दीक्षित जी ने CARGILL, DU PONT, केडिया जैसी कई बड़ी विदेशी कंपनियों को भगाया जो इस देश को बड़े पैमाने पर लूटने की नियत से इस देश में अपना डेरा जमाना चाहती थी। उसके बाद १९९७ में सेवाग्राम आश्रम, वर्धा में प्रख्यात् इतिहासकार प्रो० धर्मपाल के साथ अँग्रेजों के समय के ऐतिहासिक दस्तावेजों का अध्ययन करके समूचे देश को संगठित
और आन्दोलित करने का काम किया। अपने व्याख्यानों से देश के स्वाभिमान को जगाने, देश
को संगठित करने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान निभाया। राजीव भाई ने स्वदेशी आंदोलन तथा आजादी बचाओ आंदोलन की शुरुआत की तथा इनके प्रवक्ता बने। मजबूत तथ्यों और दमदार आवाज के साथ उनके
व्याख्यानों में इतनी सच्चाई और चुम्बक-जैसा आकर्षण होता था कि सभी लोग उन्हें सुनने के लिए खींचे चले आते थे। उनके दिमाग में ५,००० से भी अधिक वर्षो का ज्ञान समाहित था। उन्हें चलता फिरता “एनसाइक्लोपेडिया” कहा जाता है। श्री राजीव जी के हृदय में अत्यंत तीव्र ज्वाला थी, इस भ्रष्ट तंत्र, भ्रष्ट
व्यवस्था के प्रति। इस देश कि गरीबी को देखकर उनकी आखो से आंसु निकल पड़ते थे। बिना मीडिया की सहायता के उन्होंने पूरे देश को जगाया।
राजीव दीक्षित जी के अन्दर एक महान वैज्ञानिक, एक महान विचारक, एक महान इतिहासकार, एक महान वैद्य, एक महान वक्ता, एक महान शोधकर्ता, एक महापुरुष के सभी गुण विद्यमान थे। उन्होंने बिना दवाईयों के
पूरा जीवन स्वस्थ रहने के अत्यंत सरल सिद्धांत बताये, जिनसे आज लाखो लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
राजीव भाई ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की 150वीं जयंती की शाम को कोलकाता में आयोजित किये गए कार्यक्रम का नेतृत्व किया, जो कि विभिन्न संगठनों व प्रख्यात व्यक्तियों द्वारा प्रोत्साहित व प्रचारित
किया गया था और पूरे देश में मनाया गया था। उन्होंने नयी दिल्ली में स्वदेशी जागरण मंच के
नेतृत्व में 50,000 लोगों को संबोधित किया। हमारे देश का धन विदेशी बेंको में काले धन के रूप में
जमा पड़ा है, इस बात की जानकारी सबसे पहले पूरे देश की जनता को भाई राजीव दीक्षित
जी ने ही बताई थी। जनलोकपाल जेसे कानूनों के बारे में सर्वप्रथम इस देश को श्री राजीव
दीक्षित जी ने ही बताया। राइट टू रिजेक्ट और राइट तो रिकॉल जैसे कई मजबूत कानूनों के बारे में
पूरे देश को जानकारी दी।
भारत को पुनः विश्वगुरु कैसे बनाया जाये, इसका बहुत ही सरल और प्रमाणिक उपाय श्री राजीव दीक्षित जी ने ही बताये। हमारे देश के हजारों- लाखों साल पुराने स्वर्णिम अतीत को कई वर्षो तक अध्ययन कर पूरे देश को इस बारे में बताया और हमारे गौरव से अवगत करवाया। अंग्रेजी भाषा की सच्चाई के बारे में पूरे देश को बताया। संस्कृत भाषा की वैज्ञानिकता के बारे में गहन अध्ययन कर देश को बताया। देश में पहली बार
विदेशी कंपनियों के षड्यन्त्र के बारे में बहुत बड़े स्तर लोगो पर बताया। स्वदेशी के स्वीकार और
विदेशी के बहिष्कार की बात देश को पूरी प्रमाणिकता के साथ बताया। भारत की विश्व को क्या क्या देन रही, इस बारे में अति महत्वपूर्ण जानकारियां बताई। श्री राजीव दीक्षित जी ने ही हमें बताया की सबसे पहले प्लेन का आविष्कार भारत के श्री बापू जी तलपडे ने किया था वो भी राइट बंधुओ से सात साल पहले। जन गन मन और वन्दे मातरम की सच्चाई के बारे में पहली बार पूरे देश को उन्होंने ही बताया।
पहली बार इस देश में श्री राम कथा को एक नए देशभक्ति सन्दर्भ में प्रस्तुत करने वाले भी श्री राजीव दीक्षित जी ही है। उदारीकरण और वैश्वीकरण की सच्चाई को पूरे देश के सामने रखा और इसके कई दुष्प्रभावों से देश
को बचाने के लिए अपनी अंतिम स्वांस तक प्रयास करते रहे।
हमारे देश के गाँव गाँव में जाकर इस देश की हर एक समस्या को देखा, समझा तथा उसके निवारण के
लिए प्रभावशाली उपाय बताये और किये। वो होमियोपेथी और आयुर्वेद के महान विद्वान रहे है। महर्षि वाघभट्ट जी के “अष्टांग हृदयं” नामक ग्रन्थ को कई वर्षी तक अध्ययन कर उसे आज की जलवायु एवं परिस्थितियों के हिसाब से पुनर्रचित किया तथा बहुत ही सरल तरीकों से उसे आम जनता के बीच बताया जिससे हम बिना किसी दवाई के, बस खाने-पीने आदि के समय और सही तरीके मात्र से स्वस्थ रहने के उपाय
बताये।
श्री राजीव दीक्षित ने लाखोँ लोगो के दिलो-दिमाग में प्रत्यक्ष रूप से देशभक्ति की ज्वाला नहीं अपितु धधकता लावा प्रज्वलित किया। इस देश को कैसे महाशक्ति बनाया जा सकता है, इसके लिए बहुत ही सरल उपाय बताये जिन उपायों पर आज बहुत से लोग कार्य कर रहे हैं।
ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए बहुत ही जबरदस्त उपाय बताये। ग्लोबल वार्मिंग एवं वैश्विक भुखमरी को एक साथ ख़त्म करने के लिए पूरे प्रमाणों के साथ सिद्ध किया की अगर मांसाहारी खाना खाना बंद कर दिया जाये तो दोनों समस्याओं से एक साथ छुटकारा पाया जा सकता है। विदेशी षणयंत्रों से पहली बार पूरे देश को अवगत करवाया। उनके पास हर एक समस्या का समाधान बहुत ही सरलता और प्रमाणिकता के साथ उपलब्ध रहता था।
पेट्रोल, डीजल आदि की समस्या का छुटकारा पाने के लिए कुछ साथियों के साथ मिलकर उन्होंने गोबर गैस से व्हिकल चलाने के सफल प्रयोग किये जिसमें नाम मात्र का खर्चा आता है। श्री राजीव दीक्षित जी ने ही पेप्सी और कोका-कोला जैसे खतरनाक जहर के बारे में पहली बार पूरे देश को बताया तथा लोगो को बहुत बड़े स्तर पर जागृत किया। हमारे देश की बिजली उत्पादन से सम्बंधित समस्या के प्रमाणिक उपाय बताये। उनके
द्वारा बताये गए सभी उपाय इतने असरदार, दमदार और सरल है की उन्हें जिस दिन लागू किया जाये उसी दिन उस समस्या का समाधान हो जाये।
उनके ह्रदय में स्वदेश के प्रति इतनी तड़प थी की वो रात दिन अपने अंतिम स्वांस तक बस स्वदेश और स्वदेशी के लिए ही कार्य करते रहे। उन्होंने पूरे देश में १५,००० से अधिक प्रत्यक्ष व्याख्यान दिए और अगर उनके अप्रत्यक्ष व्याख्यानों (T.V., CD, DVD, Internet etc) को शामिल किया जाये तो गिनती करना असंभव हो जायेगा।
श्री राजीव दीक्षित जी ने विभिन्न विषयों पर अनेकों लेख व पुस्तकें लिखी हैं – बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का मकड़जाल, अष्टांग ह्रदयम् (स्वदेशी चिकित्सा), हिस्ट्री ऑफ द एमेन्सिस, भारत और यूरोपीय संस्कृति, स्वदेशी : एक नया दर्शन, हिन्दुस्तान लिवर के कारनामे आदि आदि। श्री राजीव दीक्षित ने पिछले ३० वर्षो तक हमारे देश के लिए कई घातक कानूनों को बनने से रोका तथा कई अच्छे कानून बनवाने में उनका योगदान रहा। भारतीय और पश्चिमी संस्कृति, सभ्यता आदि पर गहन अध्ययन कर पूरे देश के सामने रखा। श्री धर्मपाल जी के साथ मिलकर हमारे पुराने गौरवशाली इतिहास को पुनः एकत्रित किया और पूरे देश में प्रचारित किया।
उन्होंने कई बार अपनी जान पर खेलकर कई घातक कानूनों और खतरनाक विदेशी कम्पनियों को हमारे देश में आने से रोका। देश की रक्षा करते हुए उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा, लेकिन श्री राजीव दीक्षित जी पीछे नहीं हटे।
देश हित के कई कार्यो में कई बार उन्हें और उनके साथियों को लाठियां-गोलियां खानी पड़ी लेकिन उन्होंने कभी अपने कदम पीछे नहीं बढ़ाये। श्री राजीव दीक्षित ने भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने के लिए एक बहुत ही मजबूत आधार बनाकर हमें दिया है जिस पर इस देश को बहुत जल्द महाशक्ति बनाया जा सकता है।
श्री राजीव दीक्षित जी बिना मीडिया की सहायता के ही पूरे देश के कोने कोने में जाकर रात-दिन व्याख्यान देते
रहे। उनकी आवाज जैसे भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ आग उगलने वाली आवाज हो। उनके सीने में देश के
प्रति इतना प्रेम एवं तड़प थी की जेसे वो एक पल में ही इस देश को पुनः विश्वगुरु बना दे और अगर आज
ही उनके बताये गए उपायों को हमारे देश में लागू कर दिया जाये तो सच में एक ही पल में ये देश
पुनः विश्वगुरु बन सकता है।
हमारे देश की गरीबी, भूखमरी आदि विकट समस्याओं को देखकर उनका दिल भर आता था। श्री राजीव दीक्षित ने हमें हमारे स्वर्णिम अतीत के बारे में बताकर हमारा स्वाभिमान जगाया। ‘भारत स्वाभिमान आन्दोलन’ उनके दिमाग की ही देन है।
स्वामी रामदेव जी के संपर्क में आने के बाद ९ जनवरी २००९ को स्वामीजी और श्री राजीव दीक्षित जी ने भारत स्वाभिमान ट्रस्ट शुरू किया और इसका पूर्ण दायित्व अपने कंधो पर संभाला और पूरे देश के गांव-गांव शहर शहर में घूम कर स्वदेशी कि अलख जगाई। श्री राजीव दीक्षित जी ने पूर्ण निर्भीकता के साथ विदेशी कंपनियों की पोल खोली तथा बहुत सारी विदेशी कंपनियों को हमारे देश से खदेड़ा जो कि हमारे देश को बहुत बुरी तरह लूट रही थी/लुटने वाली थी।
श्री राजीव दीक्षित जी ने ही डंकल प्रस्ताव के खिलाफ पूरे देश में गाँव गाँव जाकर जागृति फैलाई वरना आज हम अन्न के दाने दाने के लिए विवश हो जाते। श्री राजीव दीक्षित जी लाखों युवाओ को देशभक्ति की राह पर लाये और उनके जीवन को दिव्य बना दिया जो की पश्चिमी सभ्यता एवं मानसिक गुलामी में पूर्ण रूप से डूब चुके थे।
श्री राजीव दीक्षित जी अपनी हर एक बात प्रामाणिकता के साथ कहते थे उनके पास हर एक बात के तथ्य,सबूत होता था। उनके दिमाग में कम्पूटर से भी तेज गणनाएँ कर पाने की अद्भुत क्षमता थी। श्री राजीव दीक्षित जी के पास बहुत बार विदेशी कंपनियों और आसुरी ताकतों की धमकियां एवं ऑफर भी आते थे परन्तु श्री राजीव दीक्षित ना तो कभी बिके और न ही कभी रुके।
श्री राजीव दीक्षित जी पुरे जीवन ब्रह्मचारी रहे तथा पूरा का पूरा जीवन देश हित के कार्यो में लगा दिया। श्री राजीव दीक्षित जी ने ही हमें “पूर्ण स्वराज” की परिभाषा समझाई और इसे प्राप्त करने के बहुत ही असरदार तरीके बताये।
राजीव भाई जिनका निष्कलंक जीवन सादगी, स्वदेशी, पवित्रता, भक्ति, श्रद्धा, विश्वास से भरा हुआ था। चाहे लोगों ने उन्हें कितना भी कष्ट दिया हो उन्होंने उफ नहीं की। पूज्य स्वामी रामदेव जी का राजीव भाई से पहला संवाद कनखल के आश्रम में हुआ था। राजीव भाई लगभग दो ढाई दशक से अपना संपूर्ण जीवन लोगों के लिये जी रहे थे। राजीव भाई भगवान के भेजे हुए एक श्रेष्ठतम रचना थे, धरती पर एक ऐसी सौगात जिसे हम चाह कर भी पुन: निर्मित नहीं कर सकते।
राजीव भाई के ह्रदय में एक ऐसी आग थी, जिससे प्रतीत होता था कि वे अभी ही भ्रष्टतंत्र को, भ्रष्टाचार को खत्म कर देंगे। ‘भारत बचाओ आंदोलन’ के साथ आज पूरा देश उनके साथ खडा हुआ है।
हम सबको मिल करके भारत बचाओ आंदोलन का जो संकल्प राजीव भाई ने लिया था, उसे पूरा करना है और अब वो साकार करना है।