सिंहस्थ में आ रहे श्रद्धालु, जो समयाभाव या अन्य कारणों से मंदसौर नहीं जा सकते, उज्जैन में ही भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन का पुण्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं। भारत में सिर्फ मंदसौर में प्रतिष्ठापित भगवान पशुपतिनाथ की प्रतिकृति सिंहस्थ-2016 में लाई गई है। भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन के लिए प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। पशुपतिनाथ की प्रतिमा साढ़े सात फीट गुणा साढ़े तीन फीट की है नेपाल के काठमाण्डू में साढ़े तीन फीट ऊँची प्रतिमा है।
अष्टमुखी भगवान पशुपतिनाथ की प्रतिमा की प्रतिकृति साधु-संतों की उपस्थिति में दत्त अखाड़ा क्षेत्र के बड़नगर मार्ग पर प्रतिष्ठापित की गई है। जिला प्रशासन मंदसौर के सहयोग से भगवान पशुपतिनाथ की बारह टन वजनी प्रतिमा क्रेन से लाई गई है। यहाँ एक लघु रजत प्रतिमा भी प्रतिष्ठापित की गई है। यहाँ प्रतिदिन अभिषेक एवं पूजा-अर्चना के सभी कार्य विधि-विधान से होते हैं।
उल्लेखनीय है कि मंदसौर में भगवान पशुपतिनाथ की यह विशिष्ट प्रतिमा शिवना नदी से प्राप्त हुई थी। प्रतिमा की 60 के दशक में प्राण-प्रतिष्ठा की गई और मंदसौर श्रद्धा का केन्द्र बना। भगवान पशुपतिनाथ महादेव सिंहस्थ सेवा समिति, मंदसौर के पंडित दुर्गाशंकर शास्त्री जोशी और उनके परिजन के साथ ही मंदसौर के श्री भंवरलाल भाटी भगवान पशुपतिनाथ की सेवा का कार्य कर रहे हैं।