विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना के स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में विश्व हिन्दू परिषद-बजरंग दल के द्वारा देश भर में किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की श्रंखला में, संगठन की चंडीगढ़ टोली द्वारा आयोजित विराट हिन्दू सम्मेलन, आज रामलीला मैदान,सैक्टर-27, चंडीगढ़ में पूरे उत्साह तथा जयघोष के साथ संपन्न हुआ।
सुबह हुई तेज़ बारिश एवं बार बार बदलते मौसम के मिजाज ने भी संगठन के कार्यकर्ताओं तथा हिन्दू समाज के जोश को ठंडा नहीं पड़ने दिया और हजारों की तादाद में शहर के विभिन्न हिस्सों के लोगो ने सम्मेलन में भाग लिया। कार्यक्रम का प्रारम्भ भजन मंडली द्वारा मधुर भजन गाकर किया गया जिन्होने उपस्थित लोगो को थिरकने, झूमने व गुनगुनाने को मजबूर कर दिया।
सम्मेलन में शामिल हुए देश व पंजाब प्रांत के अनेक संतों तथा संगठन के पदाधिकारियों ने मंच से अपने विचार रखे तथा देश में बसोशल मीडिया के बढ़ते दुरुपयोग, टूटते परिवार, लोगो में बढ़ते भौतिकतावाद तथा संवेदनहीन होते समाज जैसी बुराइयों पर कस कर निशाना साधते हुए जाम कर प्रहार किया तथा उनसे बचने के उपाय सुझाए। अन्य वक्ताओं में वक्ताओं में दीदी रजनी ठकराल, स्वामी अतुल कृष्णन, दीदी मालती शर्मा, साध्वी निरंजना जी, साध्वी शिरोमणि जी रहे।
मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित साध्वी ऋतंभरा ने विराट हिन्दू सम्मेलन के सूत्र वाक्य “धर्मो रक्षति रक्षित:” का अर्थ समझते हुए कहा कि प्रकृति/संयमित जीवन जीवन जीना भी धर्म कि रक्षा करने के समान है जो अंतत: स्वयं कि रक्षा करता है। उन्होने हिंदुओं से अपनी मानव, प्रकृति, पशु के प्रति संवेदनशील रहने वाली हिन्दू संस्कृति पर गर्व करने का आह्वान किया तथा पश्चिम से आयी बुराइयों से दूर रहने की सलाह दी। एक दिन के तौर पर मनाने वाले पश्चिमी सभ्यता के दिवसों पर उन्होने कटाक्ष करते हुए कहा की हमारी संस्कृति हमें सदैव स्त्री, माता पिता का सम्मान करना सिखाती है। उन्होने कन्या भ्रूण हत्या, गौ हत्या तथा संयुक्त परिवारों के लाभ से लोगो को जागरूक किया।
विराट हिन्दू सम्मेलन को सफल बनाने में अनेक मंदिर कमेटियों तथा धार्मिक व सांस्कृतिक संगठनो ने सहयोग किया। पूरे समय रामलीला मैदान तालियों की गड़गड़ाहट, वंदे मातरम, भारत माता की जय, जय श्री राम तथा हर हर महादेव के नारों से गूँजता रहा। कार्यक्रम का समापन, विश्व हिन्दू परिषद-बजरंग दल द्वारा साध्वी ऋतंभरा का सम्मान करके तथा उपस्थित लोगो को प्रसाद कर वितरण करके किया गया।