राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय में खुलेआम रैगिंग तथा अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को जातिसूचक शब्द प्रयोग किये जाने की बात सामने आई है. 22 सितम्बर 2012 को विश्वविद्यालय के तृतीय वर्ष के चार छात्रों राहुल कनोजिया, विक्रांत सिंह, आकाश आनंद और सौरव कुमार ने स्नातक छात्रावास के होस्टल वार्डेन को लिखित शिकायत दी थी कि 20 सितम्बर की रात अनुभव सिंह बस्सी, वरुण सिंह तथा अन्य कई छात्रों ने आ कर इन लड़कों को गंदे जातिसूचक शब्द कहे.
22 सितम्बर को ही तृतीय वर्ष के छात्र गौरव कुमार की चतुर्थ वर्ष के छात्र विशेष धतरवाल द्वारा कॉलेज कैंटीन में रैगिंग की गयी जिसकी उसने कॉलेज के कुलपति सहित सभी अधिकारियों तथा एंटी-रैगिंग सेल को शिकायत की लेकिन इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं हुई. पुनः 23 सितम्बर को शाम करीब सात बजे चतुर्थ वर्ष के अक्षय राणा, विशेष धतरवाल और अमित राठी ने गौरव कुमार की रैगिंग की और उसे मारा-पीटा. उसे “बिहारी” कह कर अपमानित किया गया और उसकी बोली की हंसी उडाई गयी. गौरव ने इस सम्बन्ध में विश्वविद्यालय के कुलपति बलराज चौहान तथा डिप्टी रजिस्ट्रार जे डी गंगवार को सूचित किया लेकिन गंगवार ने उसे डांट कर भगा दिया. बाद में गौरव ने थाना आशियाना, लखनऊ में मु०अ०सन० 246/2012 धारा 323/506 आईपीसी दर्ज कराई है.
कल मैंने विश्वविद्यालय जा कर इस सम्बन्ध में गहरी छान-बीन की थी और वहाँ कई छात्रों ने इन घटनाओं को पूरी तरह सत्य बतया. एक प्रबुद्ध विधि विश्वविद्यालय में रैगिंग तथा जातिसूचक अपमान अत्यंत गंभीर मामला है. अतः मैंने विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिख कर इस मामले में कड़ी कार्यवाही किये जाने की मांग की है. साथ ही डीजीपी, उत्तर प्रदेश से इस मामले में उत्तर प्रदेश एंटी-रैगिंग एक्ट 2010 की धारा पांच के तहत भी कार्यवाही करने की मांग की है.