यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर तथा सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन के अरविन्द केजरीवाल तथा प्रशांत भूषण द्वारा हांगकांग शंघाई कोर्पोरेशन लिमिटेड बैंक (एचएसबीसी) की मदद से काला धन तथा हवाला मार्केट का काम किये जाने के सम्बन्ध लगाए गए आरोपों के सम्बन्ध में प्रवर्तन निदेशालय तथा वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग को एक प्रत्यावेदन भेजा है.
इन दोनों ने कहा है कि इंडिया अगेंस्ट करप्शन के प्रेस नोट में कई सारे ऐसे तथ्य हैं जो प्रथमद्रष्टया प्रेवेंशन ऑफ मनी लॉनडेरिंग एक्ट 2002 (पीएमएलए) की धारा 3 तथा फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट 1999 (फेमा) की धारा 13 के तहत अपराध जान पड़ते हैं. पीएमएलए की धारा 3 कुछ निश्चित अपराधों द्वारा प्राप्त काले धन को सफ़ेद और वाजिब धन के रूप में प्रस्तुत किये जाने से सम्बंधित है जबकि फेमा की धारा 13 इस एक्ट के किसी भी प्रावधान के उल्लंघन से संबधित है. पीएमएलए की धारा 8 के अंतर्गत कोई भी शिकायत प्राप्त होने पर यदि निर्णयकर्ता अधिकारी को ऐसा प्रतीत होता है कि इस एक्ट की धारा 3 के अंतर्गत कोई अपराध हुआ है तो वह कार्यवाही प्रारंभ कर सकता है. इसी प्रकार से फेमा की धारा 16 में फेमा के अपराधों के लिए निर्णयकर्ता अधिकारी की नियुक्ति की व्यवस्था है.
अमिताभ और नूतन ने प्रवर्तन निदेशक से अपने प्रत्यावेदन और इसके साथ संलग्न इंडिया अगेंस्ट करप्शन के प्रेस नोट का संज्ञान लेते हुए पीएमएलए तथा फेरा के तहत जांच कर आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु निवेदन किया है.
इसके साथ ही इन दोनों ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर को भी प्रत्यावेदन भेज कर एचएसबीसी पर लगाए गए आरोपों की जांच करने तथा उन आरोपों के सही पाए जाने पर बैंकिंग रेग्युलेशन एक्ट I949 की धारा 22(4) के तहत इस बैंक का लाइसेंस निरस्त करने का निवेदन किया है.