सामाजिक कार्यकर्त्ता नूतन ठाकुर द्वारा दायर पीआईएल संख्या 1061/2013 में आज इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच ने राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब दायर करने के निर्देश दिये हैं. याचिका में केसी पाण्डेय, नरेन्द्र भाटी एवं विभिन्न आयोगों में की गयी नियुक्तियों को चुनौती दी है. आज जस्टिस उमा नाथ सिंह और जस्टिस वी के दीक्षित की बेंच ने आदेशित किया कि राज्य सरकार की तरफ से सचिव स्तर के अधिकारी जवाब प्रस्तुत करें.
ठाकुर ने याचिका में कहा है कि वर्तमान में इन आयोगों में नियुक्ति विषयक ना तो कोई स्पष्ट नियम हैं, ना अर्हताएं हैं और ना ही पारदर्शी चयन प्रक्रिया है. इस कारण यह राजनैतिक बंदरबांट का तरीका बन गया है जिसमे अपराधियों और राष्ट्रद्रोहियों तक के इन पदों पर नियुक्त होने की सम्भावना रहती है. उन्होंने हाल में नटवर गोएल के खादी बोर्ड और के सी पाण्डेय के गन्ना संस्थान की नियुक्तियों को इसका दृष्टांत बताया.
अतः ठाकुर ने प्रार्थना की है कि इन नियुक्तियों हेतु स्पष्ट अर्हता हों और इनकी चयन प्रक्रिया पारदर्शी हो. साथ ही नियुक्ति के पूर्व पुलिस सत्यापन कराया जाए. उन्होंने के सी पाण्डेय के खिलाफ पशु तस्करी तथा एसपी गोंडा को रिश्वत देने सम्बंधित आरोपों की भी जांच कराने की मांग की है.
उनके अधिवक्ता अशोक पाण्डेय हैं.