भारतीय शिक्षण मण्डल ,इकाई, डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विवि लखनऊ द्वारा ‘पुनरुत्थान में शोध’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्रीमान मुकुल कानिटकर जी अखिल भारतीय संगठन मंत्री भारतीय शिक्षण मण्डल ,मुख्य अतिथि प्रोफेसर मनोज दीक्षित, कुलपति अवध विवि, कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर निशीथ राय जी ने की ।
कार्यक्रम का आयोजन इकाई अध्यक्ष प्रोफेसर राजीव नयन, उपाध्यक्ष प्रोफेसर रजनी रंजन, कोषाध्यक्ष प्रोफेसर पुष्पेंद्र मिश्रा ,सदस्य प्रोफेसर सी के दीक्षित, प्रोफेसर प्रेम मोहन, अमित पाठक ,सौरभ, पार्थ द्वारा किया गया।
मुख्य वक्ता मुकुल जी ने कहा किसी भी शोध के लिए सबसे ज्यादा आवश्यक होता है विवेक, श्रद्धा, मन और ये तीनों तभी साथ देते हैं जब व्यक्ति का अपनी पांचों इंद्रियों पर बस होता है इसलिए इनको विकसित करने पर शोध होना चाहिए शिक्षक का यह दायित्व है कि बचपन से ही बच्चों को ऐसी शिक्षा दे कि एक सिद्धान्त को एक बार में बच्चे समझ जाये और कुछ नया करने का प्रयास कर सके स्पून फीडिंग कि पद्दती सही नहीं है ।
उसी एक सिद्धांत को समझने के लिए बच्चों को टयूशन कोचिंग जाना पड़ता है इससे बच्चों की इच्छा खत्म हो जाती है
वर्तमान में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बदलाव की आवश्यकता है , भारतीय शिक्षण मण्डल इसी बदलाव के लिए प्रयासरतहै।