09 नवंबर 2012 (शुक्रवार) सायं तीन बजे एटीएम चौराहा, हाई कोर्ट, लखनऊ पीठ पर एक नायब नज़ारा दिखा जब अधिवक्ता अशोक पाण्डेय और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर द्वारा जनहित याचिकाओं में न्यायालयों द्वारा उन पर लगाए गए कई लाख रुपये कॉस्ट (दंड) अदा करने के सम्बन्ध में पर “भीख मांगो कार्यक्रम” किया गया.
अशोक पाण्डेय और नूतन ठाकुर ने इस सम्बन्ध में कहा कि अपराधियों, आतंकवादियों और धंधेबाजों के लिए अदालत के दरवाज़े हमेशा खुले रहते हैं और अदालतों में मामूली कोर्ट फीस दे कर इनके वकील घंटों बहस करते हैं. जघन्यतम अपराधों में कई-कई बेल एप्लीकेशन आती हैं और खारिज की जाती हैं, संपत्ति के मामलों में लोग मुकदमे पर मुकदमे करते हैं और हारते हैं, लेकिन इनमे शायद ही कभी किसी मुवक्किल पर कॉस्ट लगता है.
इन दोनों के अनुसार राष्ट्रहित और जनहित के मामलों में पीआईएल करने पर कॉस्ट (दंड) लगाया गया, जिसे अदा करने के लिए यह भीख मांगो कार्यक्रम किया जा रहा है.
इस कार्यक्रम में काफी संख्या में अधिवक्ताओं तथा अन्य लोगों ने हिस्सा लिया जिनमे प्रमुख रूप से रोहित त्रिपाठी, त्रिपुरेश त्रिपाठी, ओंकार पाण्डेय, आशीष शुक्ल, देवेन्द्र कुमार दीक्षित शामिल थे.