नीरज मिश्रा : ‘गौपुत्र’ के नाम से पहचान बनाने वाले कृष्णा शुक्ला 22 दिसंबर से उज्जैन से काशी तक की 850 किलोमीटर की नंगे पाँव पैदल यात्रा पर हैं। ये यात्रा गौहत्या के विरुद्ध है । इस जागरूकता अभियान के दौरान कृष्णा जी गाय के दूध, दही, घी, गोबर, मूत्र आदि के फायदे सहित जैविक खाद के बारे में लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
कृष्णा जी मिर्जापुर के एक छोटे से गाँव के रहने वाले हैं और एक समाजसेवी संस्थान ‘सामाजिक परिवर्तन फाउंडेशन’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। कृष्णा शुक्ला जी का कहना है की भले ही कितने कानून बना लिए जाँय लेकिन जब तक जनचेतना फैलाने के प्रयास नहीं किये जायेंगे तब तक कुछ भी बदलने वाला नहीं है और एक बार ये बात लोगों तक पहुची की गाय से कितने फायदे हैं तो अन्य धर्मों के लोग भी गौहत्या का विरोध करने लगेंगे। कृष्णा जी का कहना है की वो तब तक ये यात्रायें करते रहेंगे जब तक गोहत्या पूर्णतया बंद नहीं हो जाती ।
‘गौपुत्र’ के नाम से पहचान बनाने वाले कृष्णा शुक्ला 22 दिसंबर से उज्जैन से काशी तक की 1727 किलोमीटर की नंगे पाँव पैदल यात्रा पूरी कर अब भोपाल से उज्जैन की 8अप्रैल चैत्र नवरात्र प्रथम से 21मई तक सिंहस्थ उज्जैन की तैयारी मे हैं। ये यात्रा गौहत्या के विरुद्ध है । इस जागरूकता अभियान के दौरान कृष्णा जी गाय के दूध, दही, घी, गोबर, मूत्र आदि के फायदे सहित जैविक खाद के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे
कृष्णा जी मिर्जापुर के एक छोटे से गाँव के रहने वाले हैं और एक समाजसेवी संस्थान ‘सामाजिक परिवर्तन फाउंडेशन’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। कृष्णा शुक्ला जी का कहना है की भले ही कितने कानून बना लिए जाँय लेकिन जब तक जनचेतना फैलाने के प्रयास नहीं किये जायेंगे तब तक कुछ भी बदलने वाला नहीं है और एक बार ये बात लोगों तक पहुची की गाय से कितने फायदे हैं तो अन्य धर्मों के लोग भी गौहत्या का विरोध करने लगेंगे। कृष्णा जी का कहना है की वो तब तक ये यात्रायें करते रहेंगे जब तक गोहत्या पूर्णतया बंद नहीं हो जाती ।
आज जब तक समाज गोमाता के लिए जागरुक नही होगा गोमाता पर अत्याचार बढता रहेगा
Krishna shuklaji ko es neke karya ke liye Bahut Bahut abhinanandan ,aapke es abhiyaan se gau mata se hone wale fayde ko sochkar Jo log gobadh krte hain unhe kuchh seekh zaroor milegi
कृष्णा शुक्ला जी को ह्रदय से नमन
।।जय गौ माता।।