“इस पुस्तक को पढ़ने वाला सकारात्मक सोच का बनेगा और उनकी सोच से चमत्कारी परिणाम मिलेंगे”, यह शब्द मोटिवेशनल स्पीकर मनोनीत दीप ने युवाओं को प्रेरणा देने वाली अपनी प्रथम पुस्तक ‘जैसा सोचोगे वैसा बनोगे’ के विमोचन में कहे। उनका कहना है कि यह किताब युवाओं को मदद करेगी, उनके लक्ष्य की प्राप्ति के लिए और मन की शक्ति को पहचानने में इस पुस्तक से बहुत मदद मिलेगी, मनोनीत का कहना है
डॉक्टर सुशील, लखनऊ ने कहा कि अत्यंत हर्ष का अनुभव हो रहा है कि मनोनीत भाई ने जैसा सोचोगे वैसा बनोगे नामक पुस्तक में आज के युवाओं को मोटिवेटेड रहने, आज का युवा अपने मन को सकारात्मक सोच की तरह कैसे ले जाए, अपने मन पर काबू कैसे रखें, अपने मन को सही दिशा में किस प्रकार ले जाए और आज का युवा देश की तरक्की में अपना योगदान किस प्रकार करें, सामाजिक,नैतिक कर्तव्यों का निर्वाहन कैसे करें इन सब विषयों को समाहित किया है । वास्तव में यह अपने आप में बहुत थी प्रेरणादायक पुस्तक है।
मनोनीत दीप पेशे से एक food & dairy फील्ड में उच्च कम्पनी ABc Process Solutions pvt ltd में मैकेनिकल इंजीनियरके पद पर कार्यरत हैं। मनोनीत दीप अपने फील्ड की नॉलेज नव युवाओं के देने के साथ साथ कैरियर काउंसलिंग और मोटिवेशन देने का कार्य करते है।।आप में भारतीय सभ्यता, संस्कृति, प्राचीन विचारधारा, अपने महापुरुषों के प्रति आदर सम्मान, और देश की दुर्दशा के लिए मन मे पीड़ा भी है, आप में महापुरुषों के दिखाए हुए रास्ते पर चलने का जज्बा और देश के लिए कुछ कर गुजरने का जुनून भरा पड़ा है आपका जज्बा और जुनून देखकर मुझे पंक्तियां याद आ जाती हैं
“अब भी जिसका खून ना खोला खून नही वो पानी है,जो देश के काम ना आए वो बेकार जवानी है।।”
आइए हम सब मिलकर मनोनीत दीप जी के एकता के मिशन को धरातल का रूप देते हुए हर चेहरे की मुस्कान और शक्तिशाली, स्वावलम्बी, आत्मनिर्भर भारत निर्माण के इस महाअभियान में अपनी-अपनी भागीदारी दें।
हृदय की अनंत गहराइयों से मनोनीत दीप जी को साधुवाद देता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि परमेश्वर उन्हें और अधिक बुद्धि, शक्ति, सामर्थ्य, धैर्य व साहस प्रदान करें जिससे वह निरंतर देश की प्रगति एवं समाज सेवा के कार्यों को तेज गति से करते हुए भारत को पुनः विश्व गुरु के पद पर प्रतिष्ठित करने में सफल हो इन्हीं शुभ मंगलकामनाओं के साथ।