बीकानेर। जिला कलक्टर कुमारपाल गौतम ने शुक्रवार को मानवता का जीता जागता नमूना पेश कर देशनोक रेलवे क्रोसिंग पर भीख मांग रही एक बेवा और उसकी बालिका की दुखभरी दांस्ता सुनने के बाद बीकानेर के विकास अधिकारी को तुरंत प्रभाव से पीडि़ता और उसकी बच्चों को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश दिये। जानकारी के अनुसार देशनोक की दलित बस्ती में रहने वाली बेवा किसनी देवी और उसके बालिका देशनोक रेलवे क्रॉसिंग पर भीख मांग रही थी, पापी पेट के लिए रोजी रोटी का जुगाड़ करती किसनी देवी की नन्ही बालिका ने फाटक बंद होने पर जैसे ही एक कार को रूकते देखा,वो दौड़कर गाड़ी के पास पहुंची और भूखे होने का हवाला देकर पैसे मांगने लगी।
आज उसकी किस्मत अच्छी थी,रूकने वाली यह कार जिला कलक्टर की थी। जिला कलक्टर ने भीख मांगती इस बच्ची से पूछा कि स्कूल जाती हो, बच्ची ने ना में सिर हिला दिया। जिला कलक्टर ने कहा कि मां-बाप क्या करते हैं। इस पर बच्ची ने पास ही में भीख मांगती अपनी मां की ओर इशारा कर दिया। गौतम ने कार से उतर कर किशनी देवी नाम की इस महिला से बात की। किशनी देवी ने बताया कि वह विधवा है। आमदनी का कोई जरिया नहीं है। इसलिए भीख मांगकर ही अपना व अपने बच्चों का पेट बेमुश्किल भर पाती है। इसलिए स्कूल तो उसके बच्चों के लिए दूर की कौड़ी है। जिला कलक्टर ने पूछा कि क्या विधवा पेंशन मिलती है। इस पर महिला ने मना कर दिया। महिला के हालात सुन जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने तुरंत बीकानेर विकास अधिकारी को फोन कर इस महिला की मदद करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि देशनोक की सांसी बस्ती में रहने वाली इस महिला के बारे में पता लगाकर इसे राज्य सरकार की पालनहार, एनएफएस जैसी विभिन्न योजनाओं में पात्रतानुसार लाभ दिलवाना सुनिश्चित करें। साथ ही किशनी देवी के बच्चों का स्कूल में एडमिशन हो, उन्हें स्कूल, ड्रेस और किताबों की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।