इलाहाबाद 16 अक्टूबर , 2019. श्री सत्य पाल जैन, सीनियर एडवोकेट, जो भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की तरफ से उनके खिलाफ दायर चुनाव याचिका में पेश हुये, ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता के समक्ष बहस की कि श्री तेज बहादुर द्वारा श्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ दायर याचिका सुनवाई के योग्य नहीं है तथा याचिकाकर्ता को यह चुनाव याचिका दायर करने का अधिकार स्वबनेद्ध प्राप्त नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के कई फैसलों का हवाला देते हुए, श्री जैन ने कहा कि याचिकाकर्ता को यह चुनाव याचिका दायर करने का अधिकार स्वबनेद्ध प्राप्त नहीं है। श्री जैन ने आज अपनी बहस पूर्ण की तथा चुनाव याचिका को ख़ारिज करने का निवेदन किया। याचिकाकर्ता के वकील श्री शैलेन्द्र श्रीवास्तव, सीनियर एडवोकेट के निवेदन पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता की बहस सुनने के लिए केस को 23 अक्टूबर, 2019 के लिए स्थगित कर दिया।
ज्ञात रहे कि श्री तेज बहादुर, जिनका वाराणसी संसदीय क्षेत्र से नामांकन रद्द हो गया था, ने श्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ एक चुनाव याचिका दायर की है। जिसमें उनका यह कहना है कि उनके नामांकन पत्र को रद्द करना गलत था।
श्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से पेश होकर, श्री जैन अदालत में चुनाव याचिका को रद्द करने के लिये सी.पी.सी. के ऑर्डर 7 रूल 11 के अन्तर्गत आवेदन पर आज अपनी बहस की । श्री जैन ने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 81 के अनुसार किसी भी विजयी उम्मीदवार के चुनाव को चुनाव याचिका के माध्यम से चुनौती देने का अधिकार सिर्फ उम्मीदवार या वोटर के पास होता है।
उन्होंने कहा कि श्री तेज बहादुर वाराणसी संसदीय क्षेत्र के वोटर नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि क्योंकि श्री तेज बहादुर अपने नामांकन पत्र के साथ चुनाव आयोग द्वारा जारी सर्टिफिकेट दाखिल नहीं किया, इसलिये कानुन के अनुसार उनका नामांकन पत्र का रद्द होना एकदम सही है, और वह सम्यक रूप से मनोनीत उम्मीदवार नहीं थे। उन्होंने कहा कि श्री तेज बहादुर ना तो उम्मीदवार और ना ही वोटर के दायरे में आते हैं इसलिये उनके पास चुनाव याचिका दायर करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने अदालत को निवेदन किया कि चुनाव याचिका को खारिज कर दिया जाये।
श्री
जैन की बहस समाप्त होने के बाद अदालत ने आवेदन पर याचिकाकर्ता की तरफ से बहस सुनने
के लिए 23 अक्टूबर, 2019 की तारिख
नियुक्त की।