भारत के प्राचीन ज्ञान-विज्ञान के संबंध में रिसर्च की जरूरत है। युवा वैज्ञानिक यह कार्य बेहतर ढंग से कर सकते हैं। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने यह बात एनआईआईटीआर में सर्च एण्ड रिसर्च यूथ कॉन्क्लेव में कही।
श्री गुप्ता ने कहा कि ‘आओ बनाएँ अपना मध्यप्रदेश” अभियान तभी सफल होगा, जब हर व्यक्ति अपना काम ईमानदारी से करेगा। विद्यार्थी अच्छा पढ़ें और प्रोफेसर अच्छा पढ़ायें। उन्होंने कहा कि देश ही नहीं विदेश में भी जो रिसर्च हो रही हैं, उनमें भारतीयों का बहुत योगदान है। श्री गुप्ता ने एक स्मारिका का भी विमोचन किया।
संचालक तकनीकी शिक्षा श्री आशीष डोंगरे ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आई.टी.) के बाद अब आई.टी.-2 मतलब इन्टलीजेंट टेक्नालॉजी का समय आने वाला है।
दो-दिवसीय कॉन्क्लेव में 6 बार राष्ट्रपति पदक प्राप्त कर चुके टेक्नोवेटर श्री सुशांत पटनायक का ड्रायवरलेस कार का लाइव-शो हुआ। पंडित विजय शंकर मेहता ने जीवन प्रबंधन के बारे में व्याख्यान दिया। कॉन्क्लेव में 200 रिसर्च पेपर प्रस्तुत किये जायेंगे।