भारत सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘डोमेस्टिक एफीसिएन्ट लाइटिंग प्रोग्राम (डीईएलपी)’ के तहत मध्य प्रदेश के लिए एलईडी बल्बों की खरीद के अगले चरण में 9वाट एलईडी बल्ब की कीमतों में फिर से 10 प्रतिशत की कमी की है। इसकी कीमत वर्तमान की 73 रुपये से घटकर 64.41 रुपये हो गई है जिसमें सभी प्रकार के कर शामिल हैं। जबकि 9वाट के बल्बों की उपलब्धता 20 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के अधीन पब्लिक एनर्जी सर्विसेज कंपनी ‘एनर्जी एफीसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल)’ ने एकीकृत और पारदर्शी खरीद के जरिये एलईडी की कीमतों में तेजी से कटौती की ताकि यह आम आदमी इसे आसानी से खरीद सके। मध्य प्रदेश के लिए 9वाट के एलईडी बल्बों की हालिया खरीद में कीमत 64.41 रुपये तक आ गई है जिसमें सभी प्रकार के कर शामिल हैं। यह जून, 2015 की 73 रुपये की कीमत से 10 प्रतिशत कम है और फरवरी, 2014 की 310 रुपये की कीमत से करीब 80 प्रतिशत कम है।
सरकार ने सामानों और सेवाओं की ई-खरीद का उपयोग कर पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के साथ प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ाया है। इससे भुगतान की दरों और समय में महत्वपूर्ण कमी आई है। साथ ही इसने इस प्रक्रिया को बढ़ावा दिया है। प्रतिस्पर्द्धा बढ़ने और एलईडी बल्बों की कीमतों में कटौती के बाद भी बोली लगाने वालों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है।
सरकार ने अच्छी क्वालिटी के बल्बों को मुहैया कराने पर भी जोर दिया है। साथ ही उसने सुनिश्चित किया है कि एलईडी बल्बों की गुणवत्ता में कोई समझौता न हो। फलस्वरूप ईईएसएल अच्छी क्वालिटी और प्रभावशाली उत्पाद खरीदने में सक्षम हो गई है। सार्वजनिक रूप से उपलब्ध ऑनलाइन पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.डीईएलपी.इऩ के जरिए पारदर्शी रूप से डीईएलपी कार्यक्रम की निगरानी की जा रही है। अब तक ईईएसएल 5.1 करोड़ एलईडी बल्बों को वितरित कर चुका है। यह कार्यक्रम देश और उपभोक्ताओं, जो इन बल्बों को उपयोग करते हैं, की बचत में अहम भूमिका अदा किया है। अब तक हई बचत का ब्योरा निम्नवत है-
अनुमानित प्रतिदिन ऊर्जा बचत 1.80 करोड़ किलो वाट ऑवर
अधिकतम मांग में अनुमानित कमी 1,612 मेगावाट
उपभोक्ताओं के बिजली बिलों की कीमतों में प्रतिदिन अनुमानित कमी Rs. 7.09 करोड़
ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में प्रतिदिन अनुमानित कमी 14,750 टन कार्बन डाइ ऑक्साइड
कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में बेचे जाने वाले 77 करोड़ विद्युत बल्बों को एलईडी बल्बों के जरिये हटाना है। इससे हर साल विद्युत लोड में 20,000 मेगा वाट की कमी आएगी। साथ ही 100 बिलियन टन किलोवाट ऑवर ऊर्जा की बचत होने के साथ ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 80 मिलियन टन की कमी भी होगी। उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में हर साल चार रुपये प्रति किलोवाट ऑवर की अनुमानित औसत दर से 40,000 करोड़ रुपये की वचत भी होगी।