एंटी टैरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य का सामाजिक व राजनीतिक भविष्य बर्बाद करने के लिए 2011 में फर्जी नाम व फर्जी पता देकर बलदेव नगर थाना में केस दर्ज करवाने वाली महिला के खिलाफ अदालत ने आईपीसी की धारा 193,195,196,199,211 के तहत दिए कार्रवाई के आदेश ।
एडिशनल सैशन जज अंबाला ने मुकदमा दर्ज करने वाले इंस्पैक्टर रजनीश यादव व जांच अधिकारी गुरदर्शन सिंह के खिलाफ भी पुलिस के उच्चाधिकारियों को विभागीय कार्रवाई के दिए आदेश,वीरेश शांडिल्य की याचिका पर फर्जी मामला दर्ज करवाने वाली महिला के खिलाफ 3 साल बाद आया अहम फैसला
चंडीगढ़- एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एंव श्री हिन्दू तख्त के राष्टीय प्रचारक वीरेश शांडिल्य को 2011 में फर्जी नाम व फर्जी पता देकर झूठे रेप केस में फंसाने वाली चंडीगढ़ की काजल सैनी के ख़िलाफ अदालत ने आपराधिक धाराओं के तहत कार्रवाई के आदेश दिए । बता दें 2011 में थाना बलदेव नगर में रेप की एफआईआर 220 धारा 384, 406, 420, 376,384,342,120-बी व 34 आईपीसी के तहत महिला ने दर्ज करवाई थी और इस केस की सुनवाई 5 साल चली और फर्जी रेप केस में पुलिस ने 17 गवाह पेश किए जबकि वीरेश शांडिल्य की तरफ से डिफेंस के 85 गवाह पेश हुए और एडिशनल सैशन जज दीपक अग्रवाल की अदालत ने दूध का दूध पानी का पानी करते हुए वीरेश शांडिल्य को निर्दोष व बेगुनाह मानते हुए एडिशनल सैशन जज अंबाला दीपक अग्रवाल की कोर्ट ने 1 जून 2015 को बाइज्जत बरी किया था । इस फर्जी रेप केस में वीरेश शांडिल्य को बेगुनाह होते हुए भी 14 महीने जेल में रहना पड़ा था। अदालत से बरी होने के बाद वीरेश शांडिल्य ने अपने वकील सुमित शर्मा के माध्यम से सीआरपीसी की धारा 340 के तहत पूर्व एडिशनल सैशन जज नरेन्द्र सूरा की अदालत में केस दायर किया और फर्जी मामला दर्ज करवाने वाली चंडीगढ़ की काजल सैनी व मुकदमा दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारी रजनीश यादव व जांच अधिकारी गुरदर्शन सिंह के खिलाफ कारवाई की मांग की थी लंबी सुनवाई के बाद एडिशनल सैशन जज यशविन्द्र पाल सिंह ने शिकायतकर्ता वीरेश शांडिल्य के वकील सुमित शर्मा द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों व वीरेश शांडिल्य के ब्यानों के बाद फर्जी रेप का केस दर्ज करवाने वाली महिला के खिलाफ आईपीसी की धारा 193,195,196,199,211 के तहत सीजीएम अंबाला की अदालत को केस चलाने के आदेश दिए। वहीं एडिशनल सैशन जज यशविन्द्र पाल सिंह ने एफआईआर दर्ज करने वाले पुलिस इंस्पैक्टर रजनीश यादव व गलत जांच करने पर जांच अधिकारी गुरदर्शन सिंह के खिलाफ हरियाणा पुलिस के उच्चाधिकारियों को विभागीय कारवाई के आदेश दिए।
इस मामले में 17 अक्तूबर 2018 को एडिशनल सैशन जज यशविन्द्र पाल सिंह के रीडर ने सरकारी वकील के माध्यम से रेप का फर्जी मामला दर्ज करवाने वाली महिला के खिलाफ सीजीएम अदालत में केस दायर किया। जिसमें अदालत में 12 दिसंबर 2018 को कोर्ट में पेश होने के महिला को आदेश जारी किए। वीरेश शांडिल्य ने आज जारी प्रेस बयान स उपरोक्त जानकारी दी और उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायापालिका पर भरोसा है। 2011 में ऐसी महिला ने उनके खिलाफ रेप मुकदमा दर्ज करवाया जिसे उन्होंने मुकदमा दर्ज होने से पहले कभी देखा नहीं भले ही उन्हें फर्जी केस में 14 महीने जेल में रहना पड़ा परन्तु अदालत ने 1 जून 2018 को वीरेश शांडिल्य बरी करने के आदेश सुनाए थे और उन्होंने कहा कि तकरीबन तीन साल पहले उन्होंने काजल सैनी के खिलाफ फर्जी मामला दर्ज करवाने पर 340 की याचिका दायर की थी जिस पर 3 साल की सुनवाई के बाद अदालत ने उपरोक्त एतिहासिक फैसला दिया। शांडिल्य ने कहा कि अदालत के इस फैसले के बाद जिन लोगों ने इस मुकदमें को दर्ज करवाने की साजिश रचवाई वह मेरे खिलाफ पुन: कोई साजिश रच सकते हैं और मेरी हत्या भी करवा सकते हैं जिसकी उन्होंने शिकायत देश के गृहमंत्री व हरियाणा के डीजीपी को दी है।