चंडीगढ़, 12 दिसम्बर: इनेलो ने हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका द्वारा किसानों को दिये जाने वाले सब्सिडी वाले गेहूं में हरियाणा बीज विकास निगम के कुछ अधिकारियों द्वारा किए गए घोटाले को अहम् मामला बताते हुए खेमका द्वारा अब तक उजागर किए गए सभी घोटालों की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच करवाए जाने की मांग की है। इनेलो के कलायत से विधायक एवं पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने कहा कि अशोक खेमका ने हारट्रोन में एमडी रहते हुए वहां हो रहे अरबों रुपए के घोटालों का मामला उठाया था लेकिन सरकार ने इन घोटालों की जांच करवाने की बजाय खेमका को ही वहां से बदल दिया।
इनेलो नेता ने कहा कि खेमका ने डीएलएफ-वाड्रा डील सहित हरियाणा में हुए साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए के घोटालों को भी उजागर करते हुए मुख्य सचिव को पत्र लिखा था लेकिन सरकार ने इन घोटालों की जांच करवाने की बजाय इस पर पर्दा डालने के लिए खेमका को ही चार्जशीट थमा दी। इनेलो नेता ने कहा कि इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण बात और क्या होगी कि सरकार खेमका द्वारा उजागर किए गए घोटालों की जांच तो करवा नहीं रही बल्कि उन घोटालों पर पर्दा डालने के लिए आए दिन ईमानदारी आईएएस अधिकारी अशोक खेमका को ही प्रताडि़त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि इन घोटालों में प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर कांग्रेस के आला नेता स्वयं संलिप्त हैं इसलिए घोटालों पर निरंतर पर्दा डाला जा रहा है।
श्री माजरा ने कहा कि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने हरियाणा के सरकारी संस्थान हरट्रोन में प्रबंध निदेशक के पद पर रहते हुए वहां हो रहे घोटालों की ओर सरकार का ध्यान दिलाया था। खेमका ने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एवं प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर बताया था कि किस तरह हरट्रोन में अरबों रुपए के घोटाले हो रहे हैं और हरट्रोन दलालों का अड्डा बनकर रह गया है। सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़ा हुआ यह सरकारी संस्थान हरट्रोन सीधे तौर पर मुख्यमंत्री के अधीन आता है। चाहिए तो यह था कि इतने बड़े स्तर पर घोटाले उजागर होने के बाद प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री इन घोटालों की जांच करवाते और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करते, लेकिन यहां घोटालों की जांच करवाने की बजाय इस पर पर्दा डालने के लिए मुख्यमंत्री ने अशोक खेमका को ही हरट्रोन से बदल दिया।
कलायत के विधायक ने कहा कि हरियाणा में हो रहे सीएलयू व लाइसेंस के नाम पर भूमि घोटालों को भी न सिर्फ खेमका ने उजागर किया था बल्कि राबर्ट वाड्रा-डीएलएफ डील सहित हरियाणा में हुए सीएलयू, भूमि अधिग्रहण, लाइसेंस व भूमि सौदों में करीब साढे तीन लाख करोड़ रुपए का घोटाला होने संबंधी मामला उजागर करते हुए प्रदेश के मुख्य सचिव को 105 पेज का एक पत्र भी लिखा था और उसके साथ सारे सबूत भी नत्थी किए गए थे। इनेलो नेता ने कहा कि यह मामला क्योंकि बहुत ही गम्भीर था और घोटालों में मुख्यमंत्री से लेकर कांग्रेस अध्यक्षा के दामाद तक कठघरे में आ रहे थे इसलिए मामले की जांच करवाने की बजाय न सिर्फ रातोंरात अशोक खेमका को वहां से बदल दिया बल्कि अब इसी मामले में खेमका को चार्जशीट भी थमाई गई है। उन्होंने कहा कि खेमका की गैर हाजिरी में देर रात उनके नाबालिग बेटे को चार्जशीट दिए जाना सरकार की नीयत और मंशा पर भी सवाल उठाता है। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार इन सभी भूमि घोटालों की जांच सर्वोच्च न्यायालय अथवा हाईकोर्ट के किसी कार्यरत न्यायाधीश से नहीं करवाती तब तक सच्चाई कैसे सामने आ सकती है? उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री व कांग्रेस में जरा सी भी नैतिकता है तो वे तुरंत हरियाणा के सभी भूमि घोटालों सहित खेमका द्वारा उठाए गए सभी घोटालों की निष्पक्ष जांच किसी कार्यरत न्यायाधीश को सौंपे ताकि प्रदेश की जनता को सच्चाई का पता चल सके।
श्री माजरा ने कहा कि खेमका द्वारा उठाया गया ताजा मामला हरियाणा बीज विकास निगम द्वारा गेहूं के बीच में हुए घोटाले को लेकर है। उन्होंने कहा कि इस घोटाले में यह बात सामने आईहै कि किसानों को दिया जाने वाला सब्सिडी वाला बीज कुछ व्यापारियों को बेच दिया गया जिससे किसानों को वही बीज बाद में व्यापारियों से महंगे दामों में खरीदना पड़ा। उन्होंने कहा कि इससे एक तरफ जहां किसानों को नुकसान हुआ वहीं हरियाणा बीज विकास निगम को भी नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार घपलों, घोटालों एवं भ्रष्टाचार की सूचक बन गई है और मुख्यमंत्री से लेकर कांग्रेस में बैठे सभी मंत्री, विधायक व सांसद दोनों हाथों से प्रदेश को लूटने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ये मान लिया है कि इस बार चुनावों में न सिर्फ कांग्रेस की हार तय है बल्कि इनेलो का सत्ता में आना निश्चित है। इसीलिए रात को सपने में भी कांग्रेसी नेताओं को न सिर्फ इनेलो प्रमुख नजर आते हैं बल्कि कांग्रेस ने अपनी सम्भावित हार को देखकर अभी से हार का ठिकरा एक-दूसरे पर फोड़ाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस के चंडीगढ़ कार्यालय में बुधवार को कांग्रेसी नेताओं के बीच हुआ जूतमपजार इसी का नतीजा था।