हरियाणा सिविल सेवा भर्ती में चयनित उम्मीदवारों में से दो तिहाई राजनेताओं के रिश्तेदार हैं | आम आदमी पार्टी , हरियाणा मांग करती है की इस चयन प्रकिर्या की निष्पक्ष जाँच करवाई जाए व जाँच पूरी होने तक नियुक्तियां ना दी जाएँ | पार्टी ये भी मांग करती है की जिस जिस चयन व नियुक्ति को हाई कोर्ट ने रद्द किया है उन सब मामलों की भी जाँच करवाई जाये | इस चयन प्रकिर्या में धांधली पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये |
आम आदमी पार्टी चिंता व्यक्त करती है की सिविल सेवा के लिए चयनित 30 उम्मीदवारों में से दो तिहाई उम्मीदवार सत्ता या प्रशासन से जुड़े लोगों के ही रिश्तेदार या नजदीकी लोग ही हैं, जो ये दर्शाता है कि किस तरह से सरकारी पदों को अपना पारिवारिक मामला मानने की प्रवृति बढ़ रही है, इससे हरियाण राज्य लोक सेवा आयोग की छवि खंडित हो रही है1
हरियाणा सिविल सेवा की भर्ती का मामला इस संदर्भ में और भी गंभीर संकेत देता है जब पिछले ही समय में पी टी आई की भर्ती कोर्ट ने रद्द कर दी थी | फैसले में अनियमितता को लेकर कोर्ट ने तल्ख़ टिप्पणी भी की थी | हरियाण में आध्यापकों के पद लम्बे समय से रिक्त पढ़े हैं व कुल हजारों पद जो रिक्त पढ़े हैं, सरकार निकट भविष्य में चुनाव से पहले उन पदों को भरना चाह रही है | इन हालतों में जब तक चयन प्रकिर्या को पारदर्शी नहीं बनाया जाता तब तक दरखास्त देने वालों में संशय बना ही रहेगा |
तथ्य यह भी है कि अब तक सभी पार्टियों की सरकारों ने नौकरी के लिए चयन प्रकिर्या में धांधली की है | जे बी टी आध्यापकों की चयनित उम्मीदवारों की लिस्ट बदलने के मामले में ताल्कालीन मुख्यमंत्री व् विपक्षी पार्टी के नेता जेल में हैं | यही वजह है की सभी स्थापित दल अपने समय में नियुक्तियों में इसी तरह पक्षपात करते हैं व कोई किसी के खिलाफ आवाज नहीं उठाता है |
आम आदमी पार्टी मांग करती है कि हरियाणा लोक सेवा आयोग दुवारा अपनाई गई चयन प्रकिर्या को सार्वजनिक किया जाये ताकि हरियाणा की जनता जान सके कि किस तरह से सत्ता के शिखर पर बैठे चंद परिवार सरकारी पदों को हड़प रहे हैं