आम आदमी पार्टी, हरियाणा में सन दो हजार के बाद से कालोनी बनाने के नाम पर दिए गए लाइसेंस व फिर ट्रांसफर करने तथा रोबर्ट वाड्रा दुवारा ज़मीन सौदे के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किये जाने के मामले में हरियाण सरकार (जो खुद ही आरोपी है) से श्वेत पात्र जारी करने व इस खेल में हुए लाखों करोड़ों की लूट की गहन व उच्च स्तरीय जाँच करवाने की मांग करती है|
हरियाणा के चर्चित आईएएस अशोक खेमका दुवारा जाँच कमेटी को दिए गए जवाब के सामने आने के बाद एक बार फिर से यह मांग कर रही है, पार्टी इससे पहले भी प्रेस कांफ्रेस कर ये मांग कर चुकी है |
खेमका ने रॉबर्ट वाड्रा की जमीन के सौदे के मामले में जाँच कमेटी को दिए जवाब में साफ़ कहा है कि हरियाणा के नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग ने दलालों को फायदा पहुंचाने की नियत से नियमों की अवहेलना करते हुए ऐसे लाइसेंस जारी किये| ऐसा ही लाइसेंस सोनिया गाँधी के दामाद वाड्रा की कम्पनी स्काईलाईट को भी दिया गया जो उसने सितम्बर 2012 में डी एल ऍफ़ को ट्रांसफर कर दिया | इस तरह से लाइसेंस ट्रांसफर करने की अनुमति देकर लाइसेंस का व्यापार करने व इस तरह से काला बाजारी को प्रोत्साहन दिया गया है |
अशोक खेमका ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया कि रोबर्ट वाड्रा ने ज़मीन सौदे के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया. खेमका ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रोबर्ट वाड्रा ने गुडगाव के शिकोहिपुर इलाके में 3.53 एकड ज़मीन के लिए फर्जी कागजों का इस्तमाल किया है. रिपोर्ट के अनुसार सारा सौदा ही अनियमितता और वित्तीय गड़बड़ियो से भरा पड़ा है. वाड्रा ने शिकोहिपुर में 3.53 एकड ज़मीन ओंकारेश्वर कंपनी से 7.5 करोड़ में खरीदी. वाड्रा की कंपनी के बैंक खाते में १ लाख रुपये ही थे लेकिन उनकी कंपनी ने १ फर्जी चेक देकर मामले को निपटने के कोशिश की. चेक फर्जी था, इसकी पुष्टि कारपोरेशन बैंक ने भी कर दी है. पैसे का लेनदेन सिर्फ कागजों पर ही हुआ, और रजिस्ट्रेशन के पैसे भी ओंकारेश्वर कंपनी ने चुकाए.
खेमका के अनुसार वाड्रा ने ना तो 7.5 करोड़ चुकाए और ऊपर से रजिस्ट्रेशन के 45 लाख भी ओंकारेश्वर कंपनी ने दिए. अब सवाल ये उठता है की ओंकारेश्वर कंपनी को इस से क्या फ़ायदा हुआ. खेमका ने कहा की भविष्य में ओंकारेश्वर कंपनी को भारी मुनाफा हुआ. इस कंपनी की पूंजी 2005 में सिर्फ छह हजार रुपये थी जो 2011 में बढ़कर 80 करोड़ से ज्यादा हो गयी. जाहिर सी बात है कि वाड्रा की मदद करने का भारी मुनाफा इस कंपनी को मिला और कंपनी को ग्रुप हाऊसिंग लाइसेंस भी मिल गया.
आम आदमी पार्टी ने अशोक खेमका को पिछले साल तब भी समर्थन दिया था जब हरियाणा लैंड रिकॉर्ड विभाग के मुखिया के ओहदे पर रहते हुए रोबर्ट वाड्रा के खिलाफ जांच के आदेश देने पर उनका ट्रान्सफर कर दिया गया| वाड्रा और डीएलएफ के बीच डील में हुई कथित धांधली के आरोप लगने के बाद हरियाणा सरकार ने अक्टूबर 2012 में जांच कमेटी गठित की थी। पार्टी ने उस वक्त इस तरह की एक तरफा जाँच के खिलाफ भी आवाज उठाई थी |
आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने सबसे पहले रॉबर्ट वाड्रा की पोल खोलते हुए आरोप लगाया था कि एक बड़े रियल एस्टेट डेवलपर डीएलएफ़ समूह ने गलत तरीकों से रॉबर्ट वाड्रा को 300 करोड़ रुपयों की संपत्तियां कौड़ियों के दामों में दे दीं। इसके अलावा इस बात का भी खुलासा किया था कि वाड्रा ने हरियाणा में कई संपत्तियां खरीदीं जिसमें नियमों की अनदेखी की गई। जिसके बाद ये सारा विषय चर्चा में आया था. हरियाणा सरकार ने बिना जांच किये सोनिया गाँधी के दामाद को 24 घंटो में क्लीन चिट दे दी थी और कांग्रेस के आला मंत्री वाड्रा के बचाओ में आ गये थे.
आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल ने अशोक खेमका को पार्टी ज्वाइन करने का न्योता दिया है. अरविन्द ने कहा है की कब तक अशोक खेमका और दुर्गा नागपाल जैसे लोग अपराधियों से न्याय मांगते रहेंगे? दुर्गा और अशोक खेमका जैसे लोगो को विधानसभा और संसद में होना चाहिए. अशोक खेमका को हुड्डा के क्षेत्र से चुनाव लड़ कर हुड्डा को हराना चाहिए.
आम आदमी पार्टी, हरियाणा मांग कराती है कि वाड्रा व डी एल ऍफ़ दुवारा हरियाणा में की गई जमीनी खरोदो फरोख्त की एक विस्तृत न्यायिक या केन्द्रीय जाँच ब्यूरो से जाँच कराई जाए, जिससे ये पता लग सके की वाड्रा व् डी एल ऍफ़ को फायदा पहूँचाने के लिए किस किस की भूमिका रही है |