चंडीगढ़, 19 नवम्बर – हरियाणा के बिजली मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने हिमाचल प्रदेश में जमीन खरीदने के मामले में उन पर लगाये जा रहे आरोपों का खण्डन किया है तथा आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है।
आज यहां जारी एक वक्तव्य में कैप्टन यादव ने कहा कि इस मामले में निजी रूप से उनकी कोई संलिप्तता नहीं है तथा जिस पॉवर आफ अटॉर्नी की बात की जा रही है, उससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। इस मामले में राजनीतिक रूप से उन पर लगाये जा रहे आरोप उनकी छवि को धूमिल करने का एक प्रयास है।
कैप्टन यादव ने कहा कि इस मामले की जांच पहले ही सीबीआई द्वारा की जा चुकी है तथा जिस समय उक्त जमीन की खरीद की गई थी, उस समय हिमाचल प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। उन्होंने कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही पूरे मामले की हिमाचल प्रदेश के राजस्व विभाग द्वारा जांच की गई थी, जिसमें भी उनकी की कोई संलिप्ता नहीं पाई गई थी।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के राजस्व विभाग ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से माना है कि जमीन के खरीद के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने अपनी अनुमति दी थी तथा अनुमति प्रदान करने में किसी भी स्तर पर कोई अनियमिताएं नहीं थी। इसके अलावा, सेल डीड से संबंधित जमीन के दस्तावेजों के पंजीकरण के दौरान भी स्टाम्प ड्यूटी या पंजीकरण शुल्क को लेकर भी किसी प्रकार की अनियमिता नहीं पाई गई।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा नोटिस जारी करने के संबंध में कैप्टन यादव ने कहा कि उक्त मामले में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा नोटिस जारी किये जाने की बात मीडिया के माध्यम से उनके संज्ञान में आई है लेकिन अब तक उन्हें किसी प्रकार का कोई नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है। उच्च न्यायालय द्वारा जारी नोटिस का अध्ययन करने के बाद ही वे आगे अपनी प्रतिक्रिया देंगे।