15 नवंबर, मातृभाषा के संवर्धन के लिए आज उसी लगन व निष्ठा की आवश्यकता है जो लगन करतार सिंह जैसे शहिदो ने आजादी के लिए 100 वर्ष पूर्व दिखाई और षहादत प्राप्त की। उन षहीदों के इस बलिदान का ही परिणाम है कि आज हम स्वतंत्रता के इस वातावरण का आनंद प्राप्त कर पा रहे हैं परन्तु गुलामी की मानसिकता ने हमें आज भी जकड़ रखा है तभी तो हम अपनी भाषा हिन्दी को वो सम्मान नहीं दिलवा पाए है जिसकी वो हकदार है। यह विचार वरिष्ठ एडवोकेट संदीप सचदेवा ने आज सैक्टर सात के सामुदायिक भवन में प्रस्तुत किए। जहां आज महान क्रांतिकारी करतार सिंह सराभा तथा उनके छः साथियों की षहादत के 100 वर्ष पूर्ण होने पर हिन्दी प्रचार प्रसार समिति द्वारा अन्य संगठनों के सहयोग से आज एक श्रद्धांजली सभा का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में लाहौर षडयंत्र केस में अंग्रेजों द्वारा फांसी पर लटकाए गए भारत माता के सपूतों को याद करते हुए 100 दीपक जगाकर याद किया गया। इस अवसर पर डी.ए.वी. कालेज के प्राध्यापक डा0 चाँद सिंह ने आजादी के संग्राम में करतार सिंह के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाष डाला। उन्होने बताया कि 1857 के प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम के समान भारत माता के पुत्रों ने 1915 में विदेषी दासता से भारत को मुक्त करवाने के लिए गदर की योजना बनाई थी परन्तु इस विद्रोह की भनक सरकार को समय से पूर्व ही लग जाने के कारण यह योजना सफल न हो पाई। करतार सिंह सराभा सहित कई नौजवानों को अंग्रेजी सरकार ने पकड़ कर जेल में डाल दिया। इस मामले में इन आजादी के मतवालों पर लाहौर षडयंत्र केस के नाम से मुकदुदमा चलाया गया। जिसके अन्र्तगत करतार सिंह, विष्णु गणेष पिंगले, जगत सिंह, बख्षीष सिंह, सुरैण सिंह प्रथम, हरनाम सिंह, सुरैण सिंह द्वितीय कुल सात क्रांतिकारियों को सजा-ए-मौत सुनाई गई। 16 नवंबर 1915 की सुबह इन सातों को षहीद कर दिया गया। हिन्दी प्रचार प्रसार समिति की तरफ से चैधरी राम अरोड़ा ने कार्यक्रम को संबोधित किया और कहा कि इन षहीदों के बलिदान को याद करने के लिए समिति भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करती रहेगी। प्रसिद्ध गायक कपिल गोयल ने इस मौके पर देष भक्ति के गीत प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर अजय कत्याल, हितेष, रजत, पवन गर्ग, प्रेम अग्रवाल, अषोक कक्कड़, पंडित प्रदीप षर्मा, नवदीप दांग, साहिल कक्कड़(शिव ॐ सेवा मंडल अम्बाला के सदस्य, आषीष षर्मा, चमन अग्रवाल, सत्यप्रकाष गर्ग, प्रकाषचंद, सुभाष गुप्ता, नीरज गम्भीर, विपिन आनंद तथा अभिनव इत्यादि मुख्य रूप से उपस्थित थे।