चंडीगढ़ 7 अप्रैल- भारत सरकार ने पानीपत ताप बिजली स्टेशन में प्रस्तावित 800 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल ईकाई के लिए पुरानी चार ईकाईयों को आपूर्ति किए जाने वाले कोयले के हस्तान्त्रण को अपनी मंजूरी देने उपरान्त आज हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज सुपर क्रिटिकल परियोजना स्थापित करने के कार्य को आगे बढ़ाने की अपनी स्वीकृति प्रदान की।
मुख्यमंत्री ने यह स्वीकृति आज पानीपत थर्मल स्टेशन में विरिष्ट अधिकारियों की बुलाई गई एक समीक्षा बैठक के दौरान दी। उन्होंने कहा कि तकनीक बदलने से लोगों की बिजली की मांग भी बढ़ती जा रही है। आज से 50 वर्ष पहले गांव में बिजली आने पर लोग उत्सव मनाते थे परन्तु आज हर किसी की यह जरूरत बन गई है। उन्होंने कहा कि प्रति युनिट बिजली उत्पादन पर होने वाले खर्च को दो प्रकार से कम किया जा सकता है। इनमें एक तरीका यह है कि उत्पादन तकनीकों में सुधार किया जाए तथा दूसरा यह है कि लाईन लोसिस को कम किया जाए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कल वे भिवानी जिला के बाढडा विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर थे और वहां पर भी लोगों ने बिजली के बिल समय पर भरने का आश्वासन दिया है जब कि यह क्षेत्र बिजली बिल न भरने के लिए जाना जाता रहा है। उन्होंने कहा कि बिजली निगमों का घाटा 5500 करोड रुपये से अधिक का हो गया है जिसे कम करना भी हमारा कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैकल्पिक तौर पर पन बिजली परियोजनाओं से पहाडी राज्यों से बिजली प्रबंधन के लिए उन्होंने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह से बात की थी जिस पर उन्होंने कहा कि आज से लगभग 25 वर्ष पहले हिमाचल प्रदेश हरियाणा को एक हाईडल परियोजना से बिजली आपूर्ति करने पर सहमत था परन्तु तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री भजन लाल ने मना कर दिया था। आज इस प्रकार के वैकल्पिक प्रबंधन जरूरी है।