सोनीपत, २१ दिसम्बर। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मनुष्य का कद पद से नहीं बल्कि कृतियों से बड़ा होता है और शिक्षण संस्थाएं इस कार्य में अहम भूमिका निभा सकती हैं। आज शिक्षण संस्थाओं में ज्ञानी तो पैदा हो रहे हैं लेकिन चिंतक और विचारक पैदा नहीं हो पा रहे हैं इसलिए ज्ञान के साथ जो संस्कार मिलना चाहिए वह इस बदली हुई व्यवस्था में हम पैदा नहीं कर पा रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री रविवार को हिंदू शिक्षण एवं धमार्थ सभा के शताब्दी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
श्री सिंह ने कहा कि जब ज्ञान संस्कारों के साथ जुड़ जाता है तो वह समाज के लिए कल्याणकारी बन जाता है और जब ज्ञान भटकाव की दिशा में चला जाता है तो समाज के लिए विनाशकारी बन जाता है। उन्होंने कहा कि माओवादी और आतंकवादी गतिविधियों में लगे हुए जवान पढ़े लिखे हैं लेकिन इसके बावजूद उनका ज्ञान गलत दिशा में चला हुआ है इसलिए समस्या पैदा हो रही है। इसलिए संस्थाओं में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ दीक्षा मिलना भी जरूरी है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि संस्था के साथ हिंदू शब्द लगा हुआ है लेकिन कुछ तथाकथित धर्मनिरपेक्ष लोगों की हिंदू शब्द सुनते ही भौंहे तन जाती हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि हिंदू शब्द को किसी जाति या धर्म नहीं बांधा जा सकता क्योंकि यह तो एक शैली है। उन्होंने कहा कि हिंदू शब्द भारतीय संस्कृति है और इसी कारण भारत पूरी दुनिया में अकेला ऐसा देश है जिसने इतनी बड़ी शक्ति व प्राकृतिक संपदा से युक्त होने के बावजूद किसी भी दूसरे देश पर कब्जा करने की कौशिश नहीं की है। उन्होंने कहा कि इस्लाम के ७२ फिकरे सिर्फ भारत में ही मिलेंगे। क्रिश्चन धर्म के सभी पंत सिर्फ भारत में ही ंिमलेंगे। यह भारत की संस्कृति का करिश्मा है। उन्होंने कहा कि भारत के ऋषि-मनिषियों ने पूरे विश्व की धरा को परिवार का सदस्य माना है।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कोई भी छात्र चाहे वह गरीब की झौंपड़ी में पैदा हुआ हो उसमें कोई न कोई प्रतिभा अवश्य होती है। बच्चों को औद्योगिक प्रोडक्ट से न जोड़कर उसकी इसी प्रतिभा को तराशने की आवश्यकता है और यह कार्य एक शिक्षण संस्थान, उसके प्राचार्य और शिक्षक कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कई बार प्रतियोगिता के इस दौर में बच्चों में हीन भावना पैदा हो जाती है यह नहीं होनी चाहिए। श्री सिंह ने उदाहरण देते हुए कहा कि एक मछली की प्रतिभा का मूल्यांकन खंभे पर चढऩे की प्रतियोगिता कर नहीं किया जा सकता बल्कि उसकी प्रतिभा का मूल्यांकन तालाब में तैरने के ढंग से करें। उन्होंने फिर कहा कि यह जिम्मेदारी शिक्षण संस्थानों और उससे जुड़े लोगों की ही बनती है।
श्री सिंह ने कहा कि प्रारंभ से ही बच्चों के मन में यह बात बैठाएं कि तुम पैसा कमाने, व्यक्तिगत सुख या आर्थिक मशीन नहीं हो। उन्होंने कहा कि अगर सिर्फ पैसे से ही सभी सुख मिलते तो बड़े-बड़े औद्योगिक घरानों टाटा, बिरला या अंबानी परिवार की महिलाओं को कभी मंदिरों में पूजा करते हुए नहीं देख पाते। उन्होंने कहा कि धन व धनाढ्य के संगम में ही सुख की प्राप्ति होगी। यही कार्य बाबू जयकिशन अग्रवाल ने हिंदू शिक्षण संस्थाओं का विकास कर साबित किया है। उन्होंने कहा कि हमेशा बड़े मन के व्यक्ति को ज्यादा सुख की प्राप्ति होती है। पिता-पुत्र या पुत्री का रिश्ता खून का होता है और पति-पत्नी का रिश्ता भावनाओं का होता है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे मन बड़ा होता जाएगा तो सुख की मात्रा भी बढ़ती चली जाएगी। इसलिए बच्चा हो या बड़ा कभी भी संकीर्ण सोच न रखें ताकि जीवन की सार्थकता बनी रहे
हरियाणा के शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने इस अवसर पर सबसे पहले हिंदू संस्थाओं को बधाई दी और बाबू जयकिशन अग्रवाल को अपना प्रेरणास्रोत बताया। उन्होंने मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह का स्वागत किया और कहा कि आज अटक से लेकर कटक तक लोगों ने उनके संगठन कौशल का प्रभाव देखा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राजनाथ सिंह जी जैसे लोगों के मागदर्शन में आज भारत का भविष्य सुरक्षित है। पिछले छह महीने में जितनी भी आतंकी घटना हुई हैं और हिंदूस्तान ही नहीं पेशावर में भी जो हुआ है परिस्थितियों के अनुसार ही नहीं प्रजातंत्र के पक्ष में भी कार्य किया गया है। उन्होंने हिंदू शिक्षण संस्थाओं को विश्विद्यालय की दिशा में कदम बढ़ाने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जैसे कोसली में पैदा हुआ बच्चा कर्नल जरूर बनता है ऐसे ही हिंदू संस्थाओं में पढ़ा हुआ बच्चा आईएएस और आईपीएस से कम नहीं रहता।
प्रदेश की महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री कविता जैन ने हिंदू शिक्षण संस्थाओं पर प्रकाश डाला और कहा कि आज वर्तमान प्रदेश सराकर भी शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। उन्होंने कहा कि कभी पांच बच्चों से शुरू हुई यह संस्था आज १६ शिक्षण संस्थाओं, २२००० बच्चों और १२०० शिक्षकों के साथ वट वृक्ष का रूप ले चुकी है। उन्होंने कहा कि बाबू जयकिशन अग्रवाल ने अपना पूरा जीवन इन संस्थाओं के विकास पर लगाया है।
सांसद रमेश कौशिक ने इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री का स्वागत किया और कहा कि हिंदू संस्थाओं की वजह से ही आज पूरे देश में सोनीपत का नाम है। उन्होंने कहा कि मैं खुद भी इन संस्थाओं का विद्यार्थी रहा हूं और आज इन्हीं की बदौलत यहां तक पहुंचा हूं। उन्होंने संस्थान को शताब्दी समारोह के बधाई भी दी।
हिंदू शिक्षण एवं धमार्थ समिति के प्रधान अरूण अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत किया और संस्थाओं के जन्म से लेकर बाबू जयकिशन अग्रवाल के समय में हुए संस्थाओं के विकास की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संस्थाओं का यह उद्देश्य है कि पैसे की कमी के चलते कोई भी विद्यार्थी पढ़ाई से वंचित नहीं होगा। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने संस्था के पूर्व विद्यार्थियों एमडीयू के पूर्व कुलपति ब्रिगेडियर ओपी चौधरी, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी दिल्ली के वीसी डा. रणबीर सिंह, डिक्रस्ट मुरथल के वीसी डा. आरपी दहिया, आईएएस अधिकारी प्रवीण कुमार, आईएएस अरूणेश चावला, मेघालय में एसडीएम व आईएएस घनश्याम गोयल, आईआरए अधिकारी अमित जैन, सीएस छिक्कारा व गायक विशु भटनागर को भी सम्मानित किया। कार्यक्रम में पूर्व विधायक बाबू देवीदास, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव जैन, गन्नौर के विधायक कुलदीप शर्मा सहित संस्था के पदाधिकारियों, पूर्व छात्रों सहित कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। इस मौके पर शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन व सांसद रमेश कौशिक ने संस्थाओं को २१ लाख रूपये देने की घोषणा की वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थियों को एक लाख रूपये इनाम देने की घोषणा भी की। इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री ने हिन्दू शिक्षण संस्थाओं की स्मारिका का विमोचन भी किया।
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