चंडीगढ़, 16 मई: इनेलो के हिसार से विजयी युवा सांसद दुष्यंत चौटाला न सिर्फ देशभर में अब तक के सबसे युवा सांसद बनने जा रहे हैं बल्कि उन्होंने इस मामले में पिछले कीर्तिमान को भी तोड़ दिया है। 3 अप्रैल, 1988 को हिसार में जन्मे व इनेलो प्रमुख चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के पौत्र व पार्टी के प्रधान महासचिव डॉ. अजय सिंह चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला ने 25 साल 11 महीने की उम्र में लोकसभा प्रत्याशी के लिए नामांकन पत्र भरा और वे 26 साल एक महीने की उम्र में देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा के सदस्य चुन लिए गए। सांसद का चुनाव 25 साल से ज्यादा उम्र का व्यक्ति ही लड़ सकता है।
इससे पहले स्व. पीएस सैयद के बेटे अहमद हमदुल्ला सैयद करीब 27 साल एक महीने की उम्र में सांसद चुने गए थे। वे 2009 में लक्षदीप से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर सांसद बने थे। इसी तरह पश्चिम बंगाल के मालदा से 27 वर्षीय मौसम नूर कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर और पूर्व स्पीकर पीए संगमा की बेटी आगाथा संगमा एनसीपी प्रत्याशी के तौर पर मेघालय से व 28 वर्षीय नीलेश राणे रत्नागिरी महाराष्ट्र से कांग्रेस की ओर से युवा सांसद चुने गए थे। सारिका सिंह 29 वर्षीय हाथरस उत्तरप्रदेश से राष्ट्रीय लोकदल की ओर से और संजय व मेनका गांधी के बेटे वरुण गांधी 29 वर्ष की उम्र में पीलीभीत से भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर चुने गए युवा सांसद रहे हैं। लेेकिन दुष्यंत चौटाला ने इन सबके मुकाबले सबसे कम उम्र में सांसद बनकर देशभर में न सिर्फ एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है बल्कि चौधरी देवीलाल परिवार की ओर से संसद में पहुंचने वाली उनकी चौथी पीढ़ी का भी वे प्रतिनिधित्व करते हैं। चौधरी देवीलाल सोनीपत, रोहतक व सीकर से लोकसभा सांसद चुने जाने के अलावा राज्यसभा में भी सांसद रहे और दो बार देश के उपप्रधानमंत्री एवं दो बार ही प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बने।
चौधरी देवीलाल के बड़े बेटे ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा में कई बार विधायक, मुख्यमंत्री व विपक्ष के नेता रहने के अलावा राज्यसभा के सांसद भी रहे। दुष्यंत चौटाला के पिता डॉ. अजय सिंह चौटाला भिवानी से लोकसभा सांसद रहने के अलावा पांच साल हरियाणा से राज्यसभा सांसद भी रहे। लोकसभा चुनाव में उन्होंने बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र सिंह एवं कांग्रेस प्रत्याशी धर्मवीर को भिवानी से करीब दो लाख से ज्यादा मतों के अंतर से हराया था। अजय सिंह चौटाला दो बार राजस्थान के दाता रामगढ़ व नौहर से विधायक रहे और इस समय वे डबवाली से इनेलो के विधायक हैं। ओमप्रकाश चौटाला के छोटे बेटे चौधरी अभय सिंह चौटाला जिन्होंने इस बार लोकसभा चुनावों में पार्टी चुनाव प्रचार की पूरी जिम्मेदारी सम्भाल रखी थी, वे ऐलनाबाद से विधायक हैं और इससे पहले वे रोड़ी से भी विधायक रह चुके हैं। अब चौधरी देवीलाल परिवार की चौथी पीढ़ी संसद में पहुंची है।
इस बार हरियाणा के लोकसभा चुनावों में चौधरी देवीलाल, स्व. चौधरी भजनलाल व स्व. चौधरी बंसीलाल की राजनीतिक विरासत सम्भाल रही उनकी अगली पीढिय़ों की प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई थी। चौधरी देवीलाल परिवार की ओर से दुष्यंत चौटाला, भजनलाल परिवार की ओर से उनके बेटे और निवर्तमान सांसद कुलदीप बिश्रोई और बंसीलाल परिवार की ओर से उनकी पौत्री श्रुति चौधरी चुनाव मैदान में थी। प्रदेश की जनता ने जहां चौधरी देवीलाल के पौत्र को सर आंखों पर बैठाकर दुष्यंत चौटाला को जीत का सेहरा बांधा वहीं कुलदीप बिश्रोई भाजपा के समर्थन के बावजूद अपनी पारिवारिक सीट हार गए और भिवानी सीट से बंसीलाल की पौत्री न सिर्फ चुनाव हारी बल्कि तीसरे स्थान पर रही और वहां पर भी इनेलो प्रत्याशी राव बहादुर सिंह को श्रुति के मुकाबले ज्यादा वोट हासिल हुए। यानी प्रदेश की जनता ने इस चुनाव में जहां चौधरी देवीलाल परिवार में फिर से पूरा विश्वास और आस्था जताई वहीं भजनलाल व बंसीलाल परिवारों को पूरी तरह से नकार दिया गया।