चंडीगढ़, 26 जुलाई: हुड्डा सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले ही अपनी हार मान ली है और इसीलिए मुख्यमंत्री जाते-जाते अपने चहेते लोगों को विभिन्न आयोगों में अडजस्ट करने में लग रहे हैं ताकि चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद भी उनके चहेतों के लिए गाड़ी, कोठी व दफ्तर का इंतजाम होने के साथ-साथ उनका खर्चा चलता रह सके। श्री अरोड़ा ने कहा कि जब मुख्यमंत्री के अपने सलाहकार, मुख्यमंत्री सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी और एक अन्य सलाहकार की पत्नी को अलग-अलग आयोगों में बिठाया जा रहा है तो उससे साफ है कि मुख्यमंत्री व उनके इर्द-गिर्द रहने वाले लोगों ने चुनाव से पहले ही कांग्रेस पार्टी का पूरी तरह से सफाया होना तय मान लिया है। उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में सिर्फ रिटायर्ड लोगों को ही अहम् पदों पर बिठाने का काम किया है जो कि बेहद गलत और अनैतिक कार्य है।
श्री अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री को पता है कि अब उनकी सरकार मात्र चंद दिनों की मेहमान है, ऐसे में वे अहम् पदों पर चहेतों को लगाने में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जब विधानसभा में इस तरह का बिल लाया गया था तो इनेलो ने इसका जोरदार विरोध करते हुए कहा था कि ऐसे आयोगों में सेवानिवृत्त अधिकारियों को न लगाया जाए क्योंकि रिटायर्ड व्यक्ति की कोई जवाबदेही अथवा जिम्मेदारी नहीं होती। बल्कि जो लोग सेवा में हैं उन्हें इन पदों पर नियुक्त किया जाए ताकि अगर वे अपनी जिम्मेदारी पर खरे न उतरें तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी विधानसभा में भी ऐसी गलत नियुक्तियों का विरोध कर चुकी है और आज भी इसका विरोध करती है। उन्होंने कहा कि इनेलो प्रमुख चौधरी ओमप्रकाश चौटाला जो विपक्ष के नेता होने के नाते इन कमेटियां के सदस्य थे, उन्होंने भी इन नियुक्तियों का विरोध जताते हुए अपनी असहमति दर्ज करवाई थी लेकिन इसके बावजूद सरकार चहेतों को अहम् पदों पर नियुक्त करने के लिए सारे नियम कायदे तोड़ रही है।
इधर, श्री अरोड़ा ने अपने हलके में कांग्रेस की पोल खोल अभियान के अंतर्गत कहा कि हरियाणा विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस सरकार का जाना और इनेलो का सत्ता में आना निश्चित है। प्रदेश का हर वर्ग सरकार से दुखी है। चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ होगा और प्रदेश की जनता चौ. ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व में इनेलो को सत्ता सौंपेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस का विकल्प केवल इनेलो है। अन्य राजनैतिक दलों का कोई जनाधार नहीं है। कांग्रेस की सत्ता जाते देख आज कई बड़ेे-बड़े कांग्रेसी नेता पार्टी छोड़ चुके हैं और कई जाने को तैयार हैं और वे अन्य राजनीतिक दलों में अपनी जमीन तलाश कर रहे हैं। श्री अरोड़ा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासन में क्षेत्रवाद और भाई-भतीजावाद हावी रहा। एक विशेष इलाके को छोडक़र अन्य कहीं भी विकास नहीं हुआ और न ही युवकों को सरकारी नौकरियां दी गईं। इस इलाके के साथ तो कांग्रेस सरकार ने विशेष रूप से भेदभाव किया। कुरुक्षेत्र में कांग्रेस के तीन सांसद होते थे। एक वित्त मंत्री है लेकिन कांग्रेस के राज में यहां कोई नई परियोजना शुरू नहीं की गई। जो कांग्रेसी नेता आज विकास न होने और भेदभाव का आरोप लगाकर कांग्रेस छोड़ रहे हैं, वे मंचों से हुड्डा का गुणगान करते थे और कहा करते थे कि हुड्डा के राज में कुरुक्षेत्र में बड़ा ही विकास हुआ है लेकिन आज वही नेता कांग्रेस छोडक़र भाग रहे हैं। श्री अरोड़ा ने लोगों से अपील की कि वे प्रदेश के हित के लिए इनेलो के झंडे के नीचे इक_ा हो जाएं। इनेलो 36 बिरादरी की पार्टी है। इनेलो के राज में पहले भी कुरुक्षेत्र का बहुत विकास हुआ और अब इनैलो के सत्ता में आने पर सारी कसर पूरी कर दी जाएगी।
इधर, कुरुक्षेत्र में इनेलो से राज्यसभा सदस्य रामकुमार कश्यप ने गांव भिवानीखेड़ा में लोगों की समस्याएं सुनी और गांवों के विकास के लिए 6 लाख रुपये की ग्रांट देने की घोषणा की। श्री कश्यप ने गांववासियों से विधानसभा चुनाव में इनेलो का साथ देने की अपील करते हुए कहा कि आने वाला समय इनेलो का है। प्रदेश की जनता कांग्रेस का सफाया करके इनेलो को सत्ता सौंपेगी, क्योंकि हरियाणा में कांग्रेस का विकल्प केवल इनेलो है। उन्होंने कहा कि इनेलो 36 जात की पार्टी है। कमेरे वर्ग के हित इनेलो में ही सुरक्षित हैं। श्री कश्यप ने कहा कि इनेलो ने राज्यसभा में पिछड़े वर्ग के दो लोगों को सांसद बनाकर शत-प्रतिशत आरक्षण दिया है। पिछड़े वर्ग को सत्ता में भागीदारी इनेलो ने ही दी, जबकि कांग्रेस ने तो पिछड़े वर्ग का वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। इस अवसर पर ओमप्रकाश कश्यप, राजेश, सुरेंद्र सैनी, रणबीर सैनी, सरपंच मुकेश सैनी, गौरव सैनी, मोहित सैनी, वीरेंद व धर्मबीर सैनी आदि उपस्थित थे। गांव में पहुंचने पर श्री कश्यप का फूल-माला डालकर स्वागत किया और गांव की ओर से पगड़ी बांधकर सम्मानित भी किया।