कुरुक्षेत्र, 13 दिसंबर 2015: बच्चे के जीवन निर्माण में मां की भूमिका तो अहम होती है, उससे भी ज्यादा अहम होती है बच्चे के शिक्षक की भूमिका। एक आदर्श समाज की स्थापना बिना अच्छी शिक्षा के बिना कतई नहीं हो सकती, इसलिए एक अच्छे और स्वच्छ समाज के निर्माण में शिक्षकों की अहम भूमिका होती है। यह विचार हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल एवं गुरुकुल कुरुक्षेत्र के संरक्षक आचार्य डॉ. देवव्रत ने आज गुरुकुल में चल रहे दो दिवसीय नैतिक शिक्षा-प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये। गुरुकुल के सह प्राचार्य शमशेर सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आर्य प्रादेशिक प्रतिनिधि उपसभा एवं आर्य युवा समाज हरियाणा के तत्वाधान में डीएवी संस्थानों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के लिए यह दो दिवसीय शिविर लगाया गया, जिसमें आचार्य डॉ. देवव्रत मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। इस अवसर पर आचार्यश्री ने कहा कि बच्चे के जीवन और भविष्य को संवारने में एक शिक्षक की भूमिका उस बच्चे के अभिभावकों से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि अक्सर बच्चे अपने गुरुओं की बातों का अनुसरण अपने अभिभावकों से ज्यादा करते हैं। शिक्षक बच्चांे के आदर्श होते हैं और ऐसे में शिक्षकों का भी दायित्व बनता है कि वे भी बच्चों के अभिभावकों की आशाआंे पर खरा उतरकर बच्चों का सही मार्गदर्शन कर उन्हें एक अच्छा नागरिक बनाए।
अपने संबोधन में उन्होनें आधुनिक जीवन-शैली से होने वाली बीमारियों और इन बीमारियों से बचाव के उपायों पर भी चर्चा की और बताया कि उत्तम खानपान, उत्तम दिनचर्या और चिन्तन से हम हमेशा रोगों से दूर रह सकते हैं। उन्होनें कहा कि हमें फास्टफूड, जंग फूड आदि को त्यागकर शुद्ध एवं सात्विक भोजन को अपने जीवन में धारण करना चाहिए साथ ही योग, प्राणायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखना चाहिए। इस अवसर पर डीएवी संस्था के पदाधिकारियों द्वारा प्राकृतिक चिकित्सा पर आधारित आचार्यश्री जी एक ऑडिया सीडी भी लांच की गई। अंत में डीएवी की निदेशिका श्रीमती जय काकडि़या ने कार्यक्रम में पहुंचने पर आचार्य जी सहित पुरे गुरुकुल परिवार का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर गुरुकुल कुरुक्षेत्र के प्रधान कुलवंत सिंह सैनी, सह प्राचार्य शमशेर सिंह, आचार्य सत्यप्रकाश, आचार्य योगेन्द्र, नंदकिशोर आर्य, सतपाल सिंह, सहित डीएवी मैनेजिंग कमेटी के एस. के. शर्मा, धर्मदेव विद्यार्थी, सतपाल आर्य, मैडम सुमन निझावन व भारी संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहें।