आम आदमी पार्टी हरियाणा की हूडा सरकार के इस निर्णय का पुरज़ोर विरोध करती है जिसमें उन्होने रोबर्ट वाड्रा और डी.एल.एफ के बीच हुए विवादित सौदे को अधिकारिक मंजूरी दे दी है। अपनी सत्ता खिसकती देख हूडा सरकार ने चुनाव से ठीक पहले कॉंग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के दामाद श्री रोबर्ट वाड्रा के अधूरे काम (ज़मीन घोटालों) को चोरी-छुपे और अमर्यादित ढंग से पूरा करने की कोशिश की है।
ज्ञात हो कि हरियाणा सरकार ने एक सहायक चकबंदी अधिकारी के रिपोर्ट के आधार पर उनसे वरिष्ठ अधिकारी श्री अशोक खेमका के ही निर्णय को खारिज कर दिया। भ्रष्टाचारियों के स्वार्थ-पूर्ति के लिए प्रशाशनिक मान-मर्यादाओं तक की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। कॉंग्रेस सरकार के ऐसे कृत्यों को अशोभनिये करार देते हुए आम आदमी पार्टी इनकी घोर निंदा करती है।
आश्चर्य जनक ये भी है कि प्रदेश के मुख्य सचिव श्रीमती शकुंतला जाखू, जोकि इस सम्बंधित चिठ्ठी लिखे जाने के वक़्त वित्त आयुक्त (राजस्व) थी, को ऐसे किसी रिपोर्ट की जानकारी तक नहीं है। किसी वरिष्ठ अधिकारी ने जिस रिपोर्ट पर अपनी टिप्पणी तक नहीं दी, उसपर मुख्यमंत्री हूडा के सीधी संलिप्तता के बग़ैर सरकारी मंजूरी नहीं हो सकती। पार्टी मानती है कि विधान सभा चुनावों में अपनी नैय्या डूबती देख कॉंग्रेस अपने पहले परिवार को बचाने के चोरी-छुपे अनैतिक व ग़ैर कानूनी हथकंडे अपना रही है जिसकी सज़ा आगामी चुनावो में उन्हें ज़रूर मिलेगी। आम आदमी पार्टी हूडा सरकार के ज़मीन घोटालों पर लगातार संघर्ष करती रही है और सरकार के इस फैसले पर भी अपनी लड़ाई लगातार जारी रखेगी।