कुरुक्षेत्र, 15 अगस्त 2015: शहीदों के कारण ही आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। यदि भगत सिंह, चंद्रषेखर आजाद, सुखदेव, उधम सिंह, सुभाषचंद्र बोस, अष्फाक उल्ला खां जैसे भारत मां के सपूतों ने भारत से अग्रेजों को भगाने के लिए अपने प्राणों की आहूति न दी होती तो शायद यह देष कभी आजाद न होता। उक्त शब्द गुरुकुल कुरुक्षेत्र के प्रधान कुलवंत सिंह सैनी ने आज गुरुकुल के जिम्नेजियम हॉल में 69वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में उपस्थित आर्यवीरों को संबोधित करते हुए कहे। इस अवसर पर गुरुकुल के प्राचार्य शमषेर सिंह, स्वतंत्रता सेनानी ताऊ बिरखा राम, षिक्षक प्रेमपाल आर्य, रामनिवास, डीपीई देवीदयाल, मुख्य संरक्षक संजीव आर्य सहित सभी संरक्षक एवं छात्र मौजूद रहे। इसके अलावा दुबई से एक परिवार स्वतंत्रता दिवस समारोह देखने के लिए विषेषतौर पर गुरुकुल पहुंचा।
प्रधान कुलवंत सैनी जी ने राष्ट्रीय-ध्वज पहराकर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। प्रधान कुलवंत सैनी ने कहा कि हमें अपने देष की उन्नति और विकास के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए और गुरुकुल परिवार इसके लिए वचनबद्ध है। उन्होनें कहा कि गुरुकुल में जहां बच्चों को आधुनिक षिक्षा अनुभवी षिक्षकों द्वारा दी जा रही है वहीं उन्हें भारतीय सभ्यता और संस्कृति से भी अवगत कराया जाता है और वैदिक संस्कार छात्रों में डाले जाते है जिससे वे भविष्य में अच्छे अधिकारी, डाक्टर, इंजीनियर, राजनेता बनकर राष्ट्र की सेवा कर सके।
इस अवसर पर गुरुकुल के प्रधान कुलवंत सिंह सैनी ने सभी छात्रों से अपनी आजादी की रक्षा करने का संकल्प दिलाया। उन्होनें कहा कि आज वैसे तो हम आजाद है मगर कुछ देषद्रोही ताकतें फिर से इस देष को गुलाम बनाने के लिए प्रयासरत है, हमें ऐसी ताकतों से देष को बचाना है, चाहे इसके लिए हमें अपने प्राणांें की कुर्बानी भी देनी पडे। साथ ही देष को भ्रष्टाचार से मुक्त करना हैं। वहीं गुरुकुल के मुख्य संरक्षक संजीव आर्य ने इस अवसर पर ‘मेरी मां शेरों वाली है’ ‘गोरखपुर की जेल में बैठा आदि देषभक्ति गीत सुनाकर छात्रों में देषभक्ति का जज्बा जगाया। अंत में प्राचार्य शमषेर सिंह ने प्रधान जी का आभार व्यक्त किया और सभी छात्रों को प्रसाद के रूप में लड्डू वितरित कर कार्यक्रम का समापन हुआ।