चंडीगढ़ - हरियाणा में प्राचीन सरस्वती नदी का पुनरुत्थान करने और इसमें ताजे पानी के नियमित प्रवाह को सुनिश्चित करने के राज्य सरकार के विजन को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध, हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड ने आज मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरस्वती नदी के प्रवाह मार्ग पर स्थित विभिन्न विरासत स्थलों के जीर्णोद्घार सहित 11 प्रमुख परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, जो हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, ने बोर्ड के शासी निकाय की चौथी बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सरस्वती नदी में ताजे पानी का प्रवाह सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं।
इस अवसर पर उन्होंने हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड द्वारा विकसित एक मोबाइल एप्प भी लॉन्च किया। सरस्वती नदी के अस्तित्व के वैज्ञानिक प्रमाणों और अन्य प्रासंगिक अध्ययनों सहित सरस्वती नदी से जुड़ी अन्य जानकारी इस एप्प पर उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड के प्रतीक चिह्नï (लोगो) को भी स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में राज्य में सरस्वती नदी के कायाकल्प और विकास के लिए जिन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, उनमें सोम्ब सरस्वती बैराज और सरस्वती जलाशय का निर्माण, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के जिला यमुनानगर में आदि बद्री में आदि बद्री बांध का निर्माण और अन्य विकास कार्य, सरस्वती जलाशय से घग्गर नदी में इसके बहिर्गमन तक सरस्वती नदी का कायाकल्प, केंथला आपूर्ति चैनल के माध्यम से मारकण्डा नदी और सरस्वती नदी को जोडऩा, सरस्वती नदी में गिरने वाले समस्त अपशिष्ट जल की रिसाइकलिंग के लिए अपशिष्ट जल उपचार संयंत्रों का निर्माण करना, सरस्वती नगर में सरस्वती तीरथ पर आरसीसी डिवाइड वॉल का निर्माण करना, जिला कुरुक्षेत्र में गांव भैणी एवं मगना में सरस्वती घाट का निर्माण, लोगों की सुविधा के लिए जिला कुरुक्षेत्र में गांव ईशरगढ़ और प्रतापगढ़ के निकट बीड़ पिपली में सरस्वती नदी पर पुलों का निर्माण, सरस्वती नदी के प्रवाह मार्ग के साथ विरासत स्थलों के जीर्णोद्घार का कार्य और मंदिरों एवं घाटों का निर्माण या विकास और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र में स्थापित सरस्वती नदी अनुसंधान उत्कृष्टïता केन्द्र के साथ सरस्वती नदी विरासत अनुसंधान संस्थान को जोडऩा शामिल है।
बोर्ड ने जिला कुरुक्षेत्र में पिपली से ज्योतिसर और पिहोवा में जल मार्ग/धरोहर विकास/तीर्थ पर्यटन गतिविधियों के लिए तकनीकी-व्यवहार्यता का आकलन करने के लिए सलाहकार की नियुक्ति के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। इसने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के उत्कृष्टता केंद्र में अनुसंधान गतिविधियों के लिए 50 लाख रुपये वार्षिक का सहायता अनुदान भी स्वीकृत किया।
बैठक में बताया गया कि सोम्ब सरस्वती बैराज और सरस्वती जलाशय के निर्माण से सरस्वती जलाशय में 1000 हेक्टेयर मीटर पानी के भंडारण की सुविधा होगी जो काफी हद तक सरस्वती नदी में पानी के प्रवाह की आवश्यकता को पूरा करेगी। इसी प्रकार, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के आदि बद्री में आदि बद्री बांध के निर्माण और अन्य विकास कार्यों के के पूरा होने के बाद, हरियाणा क्षेत्र में रामपुर हेरियन, रामपुर कांबियान और चिल्लौर में प्रस्तावित सरस्वती जलाशय की भंडारण क्षमता 100 हेक्टेयर मीटर से बढ़ कर 1475 हेक्टेयर मीटर हो जाएगी। इससे मानसून के मौसम में सरस्वती नदी में 200 क्यूसिक तक पानी का प्रवाह होगा। इस संबंध में हिमाचल प्रदेश सरकार से अंतरराज्यीय मंजूरी के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र पहले ही प्राप्त हो चुका है।
बैठक में यह भी बताया गया कि कैनथला आपूर्ति चैनल के माध्यम से मारकण्डा नदी और सरस्वती नदी को जोडऩे का कार्य पूरा होने पर मारकण्डा नदी के झाँसा हैड से 3000 क्यूसिक बाढ़ के पानी को मारकण्डा नदी से सरस्वती नदी में डाला जा सकेगा। कुरुक्षेत्र और सरस्वती नगर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण का कार्य प्रगति पर है और बिलासपुर में एसटीपी के निर्माण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा दस दिनों के भीतर अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
बैठक में यह भी बताया गया कि हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड ने विरासत स्थलों की पहचान की है, जिनमें सरस्वती नदी के प्रवाह मार्ग के साथ विभिन्न मंदिर, घाट और अन्य संरचनाएं शामिल हैं जिनका विकास एवं जीर्णोद्घार किया जाएगा।
इससे पूर्व, हरियाणा सरस्वती विरासत विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री प्रशांत भारद्वाज ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को 427 विभिन्न नदियों से एकत्रित किए गए जल की एक बोतल भेंट की। यहां यह उल्लेखनीय होगा कि श्री मनोहर लाल ने केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी के साथ हाल ही में जिला यमुनानगर के आदि बद्री में महा जलाभिषेक किया था।
इस अवसर पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष श्री भारत भूषण भारती, मुख्य सचिव श्री डी एस ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, उप-प्रधान सचिव श्रीमती आशिमा बराड़, कला और सांस्कृतिक मामले विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती धीरा खंडेलवाल, पर्यटन के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री विजय वर्धन, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अमित झा, लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ें) के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आलोक निगम, उच्चत्तर शिक्षा के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अनिल कुमार, वित्त एवं योजना के प्रधान सचिव श्री टी वी एस एन प्रसाद, सिंचाई और जल संसाधन के प्रधान सचिव श्री अनुराग रस्तोगी और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।