नवयोग सूर्योदय सेवा समिति द्वारा प्राचीन शिवालय, मयूर विहार फैस -2 के सभागार मे कुटुम्ब प्रबोधन विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया । जिसके मुख्य वक्ता के रूप मे बोलते हुए डॉ नवदीप जोशी ने कहा
भारत का सामाजिक जीवन का मूल आधार परिवार व्यवस्था रहा है उस परिवार व्यवस्था को और भी सशक्त एवं मूल कल्पनाओं के साथ स्वीकार करने की आवश्यकता है.
पहली शिक्षा परिवार का बालक परिवार में ही सीखता है संस्कार और जीवन दृष्टि भी उसको परिवार में मिलती हैं आज के बदलते सामाजिक जीवन के परिणाम से पारिवारिक जीवन में टूटन हुई है जिससे बच्चों,महिलाओ एवं वृद्धों का जीवन कठिन हुआ है परिवार सामाजिक जागरण,जीवन मूल्य और राष्ट्र निर्माण की पहली सीढी है आज सामाजिक जीवन और राष्ट्र जीवन यदि संस्कारित है तो यह परिवार में शान्ति, सौहार्द के कारण है तब पूरे राष्ट्र में शांति संभव है
नवयोग मे प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमे नव दंपत्तियों के लिए प्रशिक्षण ,बच्चों को कैसे संस्कार दें ? पड़ोसियों से संबंध कैसे रखें ? फ़ैमिली नेटवर्किंग, फ़ैमिली हार्मोनी आदि | जिसमे मुख्यअतिथि के रूप मे प्रो० हरेराम त्रिपाठी ने कहा एकोहंम बहूस्यामा एक से अनेक होना वेद वाक्य है व्यक्ति से परिवार और परिवार से समाज बनता है यदि व्यक्ति संस्कारवान नही होगा तो अच्छे समाज का निर्माण कैसे होगा ?
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री महिपाल जी ने कहा हमने अमीर ग़रीब की खाई को समाप्त करना होगा प्रत्येक व्यक्ति समाज से जुड़ा है अत: सबसे प्रेम करना , आदर देना हमारा दायित्व है । डॉ एम० के० तनेजा ने परिवार मे स्वस्थ वातावरण के लिए आहार विषय पर बताया । योगाचार्या मंजरी जोशी ने नवयोग ध्यान कराया । कार्यक्रम मे योग शिक्षक विजय , हर्ष शुक्ला, भरत, कमल , नन्दन रावत , पूर्व पार्षद सत्या जोशी , देवेन्द्र कुमार आदि 150 से अधिक साधकों ने सफल बनाया ।