चंडीगढ़ :-एम आर के विक्रमा शर्मा :–५-२–१२—-पंजाब में रिकोर्ड मतदान के बाद प्रत्याशियों का भाग्य परिणाम घोषित होने तक मत पेटियों में
बंद हो गया है! और शुरू हो गया कयासों का दौर और अपनी अपनी ढफली अपना अपना राग अलापने का प्रचलन! हर सियासी आगू और पार्टी मुखिया अपनी जीत की दावेदारी बखान रहा है! और तो और पलने में झूल रही पार्टी भी अपनी जीत का डंका बजाने का क्रम जारी रखे हुए है!
पंजाब में कांग्रेस सत्ता में काबिज होने का राग छेड़े हुए है तो शिरोमणि अकाली दल अपनी सहयोगी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के साथ फिर सरकार बनाने के हसीन सपना संजोये हुए है ! आज़ाद उम्मीदवार भी जीत का झंडा गाढ़ने की बात कह रहे हैं ! पी पी पी के मनप्रीत सिंह बादल
और पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल तो अपना कब्जा जमने की बात दोहरा रहे हैं ! मुख्यमंत्री तक का नाम घोषित कर दिया! कांग्रेस ने भी अपना अगल सी एम कैप्टन अमरेन्द्र सिंह घोषित कर के चुनाव की भेरी बजाई थी! शिअद — भाजपा ने तो प्रकाश सिंह बादल को अपना फिर से और पंजाब का पांचवीं बार मुख्यमंत्री घोषित कर दिया है ! मत गणना के बाद ही तय होगा आखिर किस की धाड़ गूंजती और किस का दावा खोखला साबित रहता ! मजे दार बात तो ये है कि देश कि बहु जनता तो ये ही मानती जानती है कि भाजपा और आर एस एस का घनिष्ठ
रिश्ता है भले ही ये कई कारणों से पर्दे के पीछे का खेल है! आर एस एस ने तो हैरत भरे मंशाएं और संदेहों का खुलासा किया है ! पांच राज्यों के चुनावों में भाजपा का जीत समीकरण क्या रहेगा इस को लेकर आज भी शंका का बिगुल बज रहा है ! भारतीय जनता पार्टी ने २००७ के विधानसभा चुनावों में १९ सीटों पर जीत का परचम फहराया था ! और उस चुनाव में २३ सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये थे! आर एस एस को लगता है इस मर्तबा ये १९ से ज्याद सीटें दूर की बात रही दो का आंकड़ा भी पर नहीं कर पायेगी ! पर इस मर्तबा हर उमीदवार जीत कर शिअद भाजपा सरकार में लाल बत्ती की कारका सपना संजोये हुए है! पर आर एस एस की सटीक टिप्पणी ने सब की नींद में खलल डाल दी है ! भाजपा ही नहीं शिअद का हैरान और सकते में आना स्वाभाविक है ! पार्टी के लीडरों के बागी तेवर इस मर्तबा नई कहानी सुनायेंगे ये तो जग जाहिर है! कसी की सरकार काबिज कसी के सहारे होगी ये भी इस बार खूब मजेदार और हैरत भरी बात सामने आयेगी! कईयों के घमंड ध्वस्त होंगे तो कई माँ सम्मान पाने में कामयाब रहेंगे!