पंचकुला / चंडीगढ़ ; आर के विक्रमा शर्मा ; 7 जनवरी ;— आसमान वो ही छूते हैं जिनके सपने हकीकत की धरती पर कदम मजबूती से रखते हैं ऐसे ही अपने सधे कदमों से शमशेर सिंह बराड़ पंजाबी व् हरियाणवी भंगडे को बालीबुड में अग्रणी स्थान दिलाने के लिए अपनी सतत साधना में ताल्लीन है ! 29 दिसम्बर को जीवन का 20 वां बसंत देखने वाले व् ज्ञानदीप पब्लिक स्कूल पंचकुला के विद्यार्थी रहे शमशेर सिंह बराड़ ने जब स्कूल के सलाना समारोह में पंजाबी फोक डांस भंगड़ा टीम में भाग लेकर सीनियर ग्रुप के कलाकारों तक को बगले झाँकने पर मजबूर कर दिया तब से शमशेर ने अपना सपना ही भंगड़ा किंग बनना निशिचित कर लिया था !
मंच पर जब उसके बिजली सी तेजी से कदम ताल पर थिरकते हैं तो हर कोई वाह वाह बोल उठता है ! आज अध्यापकों सहित अभिभावकों व् दोस्तों से मिलते बेअथाह प्यार और प्रोत्साहन के चलते अनेकों बड़े समारोहों में अपने भंगडे से दर्शकों को दांतों तले अंगुली दबा लेने को बाध्य करने वाले कला कौशल से मन्त्र मुग्ध करने की हुनरमंदी रखता है ! भंगडे को ही जीवन जीने का व् रोजगार का साधन मान कर चल रहे शमशेर सिंह बराड़ अपनी बी ऐ फर्स्ट की स्टडी गुरु गोविन्द सिंह कालेज चंडीगढ़ से करते हुए अपने सहपाठियों, बाहरी दोस्तों को भंगडे की बारीकियां सिखाते हुए व्यस्त देखे जाते हैं ! नृत्य मन मस्तिषक और आत्मा की खुराक है ये मानने वाले बराड़ फुर्सत में भंगडे की अथक रिहर्सल करता है ! भरे पूरे परिवार का दुलार पाने वाला शमशेर सिंह बराड़ बताता है उसने अपना प्रेरक पुंज पंजाबी फिल्मों में अभिनय की धाक जमाने वाले और जाने माने पंजाबी लोक गायक सरबजीत सिंह चीमा को माना है ! और उस्ताद राजिन्द्र सिंह भामनी (पोपली) से भंगडे की बारीकियां सीखीं हैं !
पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ सहित हिमाचल प्रदेश व् जे एंड के में अपने भंगडे की धाक जमा चुके शमशेर सिंह बराड़ जल्दी ही मुंबई में भंगडे का ओपन शो करने को लेकर तयारी में जुटा हुआ है ! शमशेर सिंह बराड़ ज्यादातर अपनी भंगड़ा कला के माध्यम से नशे से दुरी और जवानी और जीवन से दोस्ती करने का संदेश देता है ! पंजाबी कल्चर आज नशे और बेपरवाही की बली चढ़ रहा है ऐसे में शमशेर सिंह बराड़ का भंगडे को बुलंदी पर टिकाये रखने का संघर्ष और भगीरथी निश्चय हर सूरते हाल में कामयाब हो ये सब की शुभकामना है !