मैं ए. के. एंटोनी, मनमोहन सिंह और सोनिया गाँधी से पूछना चाहता हूँ कि तुम लोगों पर अगर कोई कोई ज़रा सी ऊँगली भी उठा दे तो तुम उसे छोड़ते नहीं हो….. यहाँ हमारे 5 जवानों को मार दिया गया तो क्या उसका जवाब देना नहीं बनता? कहाँ है राहुल गाँधी आज जिसे बड़े बड़े डायलॉग्स मारने कि आदत है? कहाँ है वो दिग्विजय सिंह? आज कुछ नहीं कहना? कहाँ है वो सलमान खुर्शीद जो अपने शहर में अरविन्द के आने कि बात सुनकर रात को लोगों के बीच बैठ कर बड़े बड़ी ब्यान ठोक रहा था कि “वो आयेंगे तो ज़रूर पर जायेंगे नहीं”. यही बात अब पकिस्तान के खिलाफ बोल कर दिखा. कपिल सिब्बल कि वकालत और देश सेवा के लिए चिदंबरम का गणित कहाँ गया अब?
राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी को भी क्या सांप सूंघ गया है? अगर रक्षा मंत्री और प्रधान मंत्री के गले में पट्टा बंधा हुआ है तो खुद ही आर्मी को आर्डर दे दे. अरे कुत्ते भी अपने किसी कुत्ते के ऊपर आफत आने पर भोंकते हैं.
अगर सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कोई सख्त कार्यवाही नहीं की और 5 जवानों कि मौत का बदला नहीं लिया तो मैं कसम खाता हूँ कि स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाऊंगा.