चंडीगढ़/पंचकुला : आर के विक्रमा शर्मा /आर के शर्मा : सोमवासरे महाशिवरात्रि अपने साथ और भी कई महा संयोग लेकर आई है। पंचकुला सेक्टर ११ स्थित पीपल वाली माता प्राचीन शिव और शनि मन्दिर के सह संस्थापक पंडित राम कृष्ण शर्मा के मुताबिक इस मर्तबा महाशिवरात्रि पर्व पर चार-चार योग एक साथ देखने और भोगने को मिलेंगे!चरों योग महासंयोग होने के साथ-साथ शुभ लाभदाई भी साबित होंगे ! आज त्रिकाल दर्शी बाबा शिव भोले नाथ की महाशिवरात्रि सोमवती अमावस और चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में अवतरित भी है। शिव बाबा सोमवार के स्वामी होते हैं और आज २० फरबरी को महाशिवरात्रि भी सोमवार को है,! सो ये शिव रात्रि अनेकों फलों को कई गुना बढ़ा देगी ये तथ्य पत्थर पर लकीर तुल्य है!ये महा संयोग १५ सालों के बाद देखने को मिला है! आज महाशिवरात्रि की रात्रि को शिवबाबा की पूजा अर्चना व् पूजन विशेष शुभ फलदायी साबित होगा! आज से पहले ऐसा सोमवार के दिन महाशिवरात्रि का योग सन 1995, 1999 व 2009 में ही बना था !और आगे चल क्र ऐसा दुर्लभ योग साल 2016, 2019 तथा साल 2026 में देखने को नसीब होगा! इसी प्रकार सोमवती अमावस्या और श्रवण नक्षत्र चंद्रमा का इस दिन उपलब्ध होना भी काफी समय बाद देखा जा रहा है।
यूँ तो प्रतिदिन ही पर आज की सोमवती अमावस्या और श्रवण नक्षत्र चन्द्र्माई महाशिवरात्रि के दिवस बाबा शिव के महा रूद्राभिषेक से असमय और अकारण मृत्यु से कालेश्वर बाबा मुक्ति दिलाते हैं!ये तथ्य हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित चमुखा मन्दिर के स्वामी ने भी कही है! महा मन्द्लेश्वर रसिक महाराज उत्तराखंड वाले कहते है कि शिव कि भक्ति भले ही सहज और सरल है पर ये ही भक्ति हर कोई नहीं क्र सकता यानि हर किसी के लिया इसको करना अलग नियति नीति रीति से करना चाहिए! गर्भवती नारी को तो ओम का उचार्ण तक नहीं करना चाहिए क्यों कि इस महा विशुद्ध और अति पवित्र श्री शब्द का उच्चारण नाभि से होता है और गर्भ में बच्चे का नाता सम्बन्ध नाभि से बंधा रहता है! हर वक्त शिव स्तुति भी वर्जित कही जाती है ! शिव भगवान महा कालेश्वर नाथ जी का महा मृत्युंजय मन्त्र तो कदापि भी ऐसे ही सुनना कहना या उच्चारण निषेध है!
hindi mai itni kam news kyon hain…..kya or reporters nhin hain to hum aese or logon ko jodenge…