चंडीगढ़ : एम आर के विक्रमा शर्मा ;–११-२-१२;– चंडीगढ़ प्रशासन को पब्लिक खास कर अपने उपभोगताओं की कितनी फ़िक्र है इसका अंदाजा सहज ही लग जायेगा कि १० फरवरी को शहर भर के २६ सम्पर्क केन्द्रों के १५० के करीब कर्मचारी अपनी चिरल्म्बित मांगों को लेकर रोष मुजाहरे पर थे तो शनिवार ११ फरवी को सम्पर्क केंद्र बंद रखने कि खबर सरकारी तौर पर समाचार पत्रों में छापी गई ! यहीं बीएस नहीं होती आगे रविवार १२ फरवरी को भी सम्पर्क केन्द्रों के दरवाजों पर टेल रहेंगे सो उपभोगताओ को खासी परेशानी होगी खास उनको जिनकी शनिवार को छुट्टी रहने से बिलों आदि की अदायगी असम्भव बन गई !
यानि तीन तीन दीं जब सम्पर्क केन्द्रों पर टेल लटके रहेंगे तो सब से बड़ा नुकसान तो सरकारी राजस्व कोष का ही होगा! पर यहाँ परवाह करता कौन है? टला लगा देख कर मेस लौटती बुढ़िया माता जी ने बताया कि गरीबी के चलते इस उम्र में बमुश्किल; पैदल चल कर जैसे तैसे सम्पर्क केंद्र पर पहुंची बिल जमा करवाने की आखिरी तारीख थी अब दोष किसी का जुरमाना मुझे भरना पड़ेगा पैसे होते तो रिक्शा या आटो से ना आ जाती ! ऐसे ही शुक्रवार शनिवार को ना जाने कितने बुजुर्गों ने सम्पर्क केन्द्रों तक पहुंचने के लिए धक्के खाए और मायूस बेबसी में वापस हो लिए ! सम्पर्क केन्द्रों के तकरीबन १५० से ज्यादा कर्मियों के प्रधान प्रदीप कुमार दत्ता के मुताबिक हम को तो ये भी नहीं पता कि हम किस ग्रेड में नौकरी बजा रहे हैं ! हमारे लिए क्या मूलभूत सुविधाएँ हैं इक साल से सरकार का पूरा काम निपटाने वाले ये बेचारे मजबूर कर्मी जाएँ तो जाएँ किस के पास!
मुंह खोलते तो नौकरी जाती वाह ये लोकतंत्र ! इनकी सुनें तो स्पिक निदेशक इनके बेबसी का मजाक उड़ाते हुए इनको टरकाने में बेहतरी समझते हैं! ना कोई वेतन बढ़ोतरी ना कोई प्रमोशन ना कोई पारितोषिक ! खुल्लम खुला आर्थिक और मानसिक सहित शारीरिक शोषण व्याप्त है ! समाज सेवी संस्थाएं और सरकारी करमचारियों की युनियने इनकी कितनी फ़िक्र करती हैं ये सब जानते हैं ! हैरत और हास्यस्पद तो ये है कि इन सब बेचारों को अभी तक भी अपोइन्टमेंट लैटर तक भी नसीब ना हुआ! परिचय पहचान पत्र गले में लटकाना तो सपने से भी परे की बात है! सरकारी पक्ष जानना चाहा तो सब दफ्तर ताला खाए हुए थे! इ एस आई और पी ऍफ़ लेट कटना शुरू हुआ क्यों कोई इसका कानूनी लेटलतीफी का कारण बताने की जेहमत नहीं उठाने वाला है! कर्मचारी हड़ताल पर गये और अपनी चिर लम्बित मांगें माने जाने के बाद काम पर लौटने की कसम और शर्त के चलते सम्पर्क केंद्र कब तक परेशानी का सबब उपभोगताओं के लिए बने रहंगे कोई ना जाने! हड़ताल के आगे बेबस नहीं होने का दिखावा करते हुए कुछ नये कर्मियों की कुछेक केन्द्रों पर तैनाती की गई थी पर सब नौ सीखिए साबित हुए उल्टा केन्द्रों पर भीड़ भड़कती रही! रह रह कर उपभोगता खीजते चिल्लाते रहे ! हड़ताल जारी है सब इ सम्पर्क केंद्र और ग्राम इ सम्पर्क केंद्र बंद रहेंगे ये सरकारी सूत्रों से जानकारी मिलती है और उपभोगता बेवजह जुरमाना और खजल खुआरी का हर्जाना भरते रहेंगे!