आज हरित क्रांति भारतीय सेना के देश की स्थिति पर चंडीगढ़ में हो रही चर्चा में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सम्बोधन किया और भविष्य में आज की स्थिति को लेकर चिंता जताई और बताया की जैसे आज IMF का कर्ज न चुकाने के कारन ग्रीस देश डिफल्ट्र घोसित किया गया कोई दूसरा देश उसको कर्ज उतरने के लिए कर्ज नहीं दे रहा इसके लिए हमें खेद है और साथ ही चिंता भी है आखिर इतना विकशित देश होते हुए भी ऐसी हालत कैसे हो गयी ,ऐसी हालत देश की सरकार के साथ साथ देश की जनता भी बराबर की सरीक है ,किसी भी देश की जनता को चाहिए की वो दूसरे देश के उत्पादन की बजाये अपने देश में ही बने उत्पादन का प्रयोग करें अपनी जरूरतों से अधिक अपनी इच्छाओं को बढ़ावा न दें !
हम सब भारतियों को चाहे वो उपभोगता है ,चाहे वो किसान है ,चाहे उद्योगपति है ,या वैज्ञानिक है या फिर किसी कम्पनी का मालिक है , हम सबको भारत की चिंता करते हुए ईमानदारी से कार्य करना चाहिए जिसमे अपने देश का भला हो हमेशा से ही अपने देश के उत्पादन ही प्रयोग में लाना जरुरी है ! ऐसा करने से अपने देश की अर्थ व्यवस्था मजबूत रहेगी थोड़े से धन के लालच में ऐसा कोई कार्य न करे जिससे देश को किसी भी पर्कार का आंशिक भी नुकशान हो ! आज हमारे देश में अपने भारतीय उत्पादन की बजाये सबसे ज्यादा लाभ चीन उठा रहा है जितना उत्पादन आज भारतीय बाजार में बिक रहा है उतना ही भारत के उत्पादन को नुकशान भी हो रहा है ,YE हमारे लिए एक चिंता का विषय है! चीन जहाँ भारत देश में इतना बड़ा लाभ कमा रहा है वहीँ भारत देश को घुड़की भी दे रहा है ऐसे में हम सब उपभोगताओं को क्या करना चाहिए सवाल आप सब पर है इसका जवाब आप सब भारतीय वाशियों को देना है ,अक्शर कहते सुना है की ईंट का जवाब पत्थर से हमें आप सबके जवाब का बेशब्री से इन्तजार रहेगा !
ग्रीस की आज की इस हालात से भारत की सरकार और भारत वाशियों को दोनों को सबक लेने की निहायत जरुरत है !भारत सन 1947 से आज तक हर टर्म में यही करता आ रहा है पिछला कर्ज चुकता करने के लिए एक और नया कर्जा किसी देश से लेना पड़ता है ,जिस देश से कर्ज हमारी सरकार लेती है उस देश की एक मुख्या शर्त ये होती है की कर्ज का ब्याज के रूप में भारत के रूपये की कीमत दूसरे देश के डॉलर के मुकाबले कम करनी होगी जिसका सीधा सीधा असर हमारी अर्थ व्यव्श्था पर पड़ता है डॉलर की कीमत बढ़ती रहती है और रूपये की कीमत निचे गिरती रहती है ! हो सकता है जो आज ग्रीस देश में हालात हो अगर हम नहीं सम्भले यही हालात हमारे देश में भी हो सकते है ! हमें अपने देश में बनीं हुयी वशतुओं का प्रयोग अधिक और विदेश में बनीं वस्तुओं का प्रयोग कम से कम करना चाहिए ! राजीव भाई दिक्सित जी ने आज से 11 साल पहले ही इन खतरनाक परिणामो के बारे में बता चुके थे लेकिन तब किसी सरकार या किसी मीडिया या सरकारी तंतर ने कोई बात नहीं सुनी !
अगर हम अपने देश में पनप रही बेरोजगारी को दूर करना चाहते है तो हमे चाहिए ! कुटीर उद्योग के प्रोडक्ट दैनिक जीवन में अपना कर उनकी मदद करें जिससे कमजोर वर्ग के लोगों को ताकत मिलेगी ! सरकार भी कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने में हर संभव कोशिश करे जिससे नौजवान भी इस और आकर्षित हो बेरोजगारी को दूर किया जा सके
अपनी सेहत के प्रति सभी सजग रहे प्रतिदिन योग प्राणायाम करें कुदरत का पूरा आनंद उठायें कुदरत की झोली में अपार सम्पदा है ऐसा करने से हॉस्पिटल और डॉ. के चककर भी नहीं काटने पड़ेंगे खर्चे भी घटेंगे ! आज कल गर्मी का मौषम है जिसमे पिने वाले पेय पदार्थ कोल्ड ड्रिंग में कोका कोला पेप्सी कोला इत्यादि न ले इनमे पेस्टीसाईड की मात्रा होने से सेहत को नुकशान कर सकता है इसकी बजाये दूध, लस्सी ,दहीं और जूस का इस्तेमाल करेंगे तो आपकी सेहत सही रहेगी हमारी टोटल आमदनी का ३० प्रतिशत से ४० प्रतिशत दवा और डॉक्टर के पास ही खर्च हो जाता है ,इसलिए अपने खाने पिने की सभी वस्तुंए पुरानी पैक्ड की बजाये ताज़ी बानी हुयी इस्तेमाल करनी चाहिए फ़ास्ट फ़ूड और जंक फ़ूड से दुरी बनाये रखने ही आपकी भलाई है ,अगर HAM ऐसा नहीं करेंगे तो हमारा पाचन तंतर खराब हो सकता है !
किसान भाइयों से निवेदन है की ज़ीरो बजट की कुदरती खेती करें जिसमे किसान भाइयों को बहार से कुछ भी खरीदने की जरुरत नहीं है अगर किसान भाई ऐसा करते है तो उनकी अपनी पैदा की हुयी फसल से ही अगले साल के लिए उन्नत बीज स्वयं बना कर रख सकते है , विदेशी कंपनी द्वारा बनाये गए हाईब्रिड बीज खतरनाक है जो स्वास्थ्य को नुकशान पहुंचाते है ! जिससे होने वाला बीज का खर्च भी बच सकता है ! खाद की जगह भारतीय नशल की गौ मूत्र और गोबर ही पर्याप्त है जो खेत की जमीन की खोयी हुयी ताकत को वापिस लाने में सक्षम है ! 1 ग्राम देशी भारतीय नशल की गए के गोबर में एक करोड़ जीवाश्म मौजूद होते है ,जिससे प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा पौधे को पर्याप्त मात्रा में भोजन की प्राप्ति होती है ! जबकि रशयनिक कीट नाशक और रशयनिक खाद इस्तेमाल करने से वाटर लेवल तक ज़हरीला हो चूका है प्रदूषण फ़ैल चूका है !पंजाब में बठिंडा से लेकर पटियाला तक 88 % प्रतिशत जमीन फलोराइड की मात्रा अधिक होने से कैंसर का रोग फ़ैल चूका है और मनसा जिला भी इससे प्रभावित हो चूका है !ऐसे भयानक परिणाम से सभी किसान परिवारों को बहुत सख्त आवश्यक है!
अगर किसान भाई सच्चे मन से देश की सेवा करना चाहते है तो रशयनिक खाद और राशयनिक कीट नाशक ज़ेहर से भारत माता को जहरीला होने से मुक्ति दिला सकते है जिससे होने वाली बिमारियों के कारन दवा और डॉ और हस्पताल से बचाव हो सकता है ,एवं फालतू के होने वाले खर्चों से निजात भी मिल सकती है ! किसान भाइयों की चाहिए की उत्पादन में दालें सब्जियां मशाले व औषधियां में उगाये ताकि फशलों से नकदी कमाया जा सके ! हर किसान के लिए भारतीय नशल का गौ पालन भी जरुरी है ताकि परिवार के बच्चो को कुपोषण से बचाया जा सकें !