चंडीगढ कि सांसद और जानी मानी अदाकारा किरन खेर ने आज लोकसभा में विपक्ष को जोरदार ढंग से असहिष्णुता पर सरकार का पक्ष बताया । उन्होंने बहुत समझदारी से अवार्ड वापस करने वाले साहित्यकारों पर जबरदस्त निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि दादरी में अखलाक की हत्या निंदा के लायक है। और समाज में कही भी इस तरह की घटनाएँ निंदनीय हैं। किरन खेर ने कहा, कि सम्पूर्ण भारत में इसी तरह की घटनाएँ पहले भी होती रही हैं लेकिन हमारे बुद्धिजीवी साहित्यकार और फिल्मकार जिनका लोग बहुत सम्मान करते हैं, उन्होंने उनकी घटनाओं पर चिंता क्यूँ नहीं जाहिर की और अपने अवार्ड वापस क्यूँ नहीं लौटाए।
किरन खेर ने कहा कि साहित्यकार और फिल्मकार अब अनुभव कर रहे हैं कि देश रहने के लिए सुरक्षित नहीं है। मै उनसे कुछ प्रश्न पूछना चाहती हूँ, जब कश्मीरी पंडितों की बेरहमी से हत्या की गयी तो ऐसे लोग कहाँ थे।
किरन खेर ने जम्मू और कश्मीर पुलिस की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि १९८९ से आतंकियों द्वारा २००९ कश्मीरी पंडितों की हत्या की गयी और १०९ लोगों की हत्या १९९० में की गयी।
उन्होंने कहा कि सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि २५ सालों में केवल २४ मामले दर्ज किये गए और ११० मामलों का पता ही नहीं चला।
उन्होंने कहा कि आज असहिष्णुता के नाम पर अवार्ड वापस करने वाले लोग उस समय कहाँ था। उन्हें कश्मीरी पंडितों का दर्द क्यूँ नहीं दिखाई दिया। उनके लिए अवार्ड वापस क्यूँ नहीं किये गए।
स्त्रोत : सच खबर