हरित क्रांति भारतीय सेना (राजीव दिक्षित ) की और से भारत के प्रधान मंत्री नरेंदर मोदी को एक पतर!भारत के अंदर पराचीन पद्यति आयुर्वेद हमारे पास पहले से ही अपने आपमे बहुत सक्षम पद्यति है जिससे कई युगों से ही इलाज किया जाता है !आयुर्वेद में एक से बढ़ कर एक चमत्कारी जड़ी बूटिया है,लेकिन अभी तक वर्षों से इसकी और अनदेखा किया गया है ,और पता नहीं क्यों एलोपैथी को क्यों इतना बढ़ावा दिया गया है और आयुर्वेद के साथ क्यों हर बार सौतेला व्यव्हार किया गया है ,जहाँ आयुर्वेद में पंचकर्मा से बड़ी से बड़ी ल इलाज बिमारियों से इलाज किया जाता है जिसमे अनेको चमत्कारी परिणाम भी सामने आये है ,पंचकर्मा पर सरकार को जहाँ कई पी. जी .आई. का निर्माण करना चाहिए था , वहां विदेशी एलोपैथी को क्यों इतना प्रोत्शाहन दिया गया !बहुत अफ़सोस से कहना पद रहा है आज हमारे आयुर्वेद की संश्थान को अलोपथी डायरेक्टरेट के निचे रखा जाता है जिसका आयुर्वेद के सामने बहुत कम वजूद है !जितना बजट एलोपैथी को दिया जाता है ,उसकी अपेक्षा आयुर्वेेद को बहुत कम बजट दिया गया है ! एलोपैथी डायरेक्टरेट की आयुर्वेद के प्रति अवहेलना के चलते किसानो को क्या कोई स्कीम है, क्या प्लान है पता ही नहीं चलता जबकि किसानो अपने देश में खुश हाली लेन का काम कर सकते है !हम हरित क्रांति भारतीय सेना (राजीव दिक्षित ) की और से ये मांग करते है की सरकारी संश्थान की और से आयुर्वेद सिस्टम की अनदेखी न की जाये ,और ओर्गानिक खेती के माध्यम से आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों को बढ़ावा दिया जाये ताकि किसान और देश की जनता को पूरा पूरा लाभ मिल सके