“आरक्षित वर्ग के हो नवाब पुरे होंगे तुम्हारे ख्वाब ” | यही से शुरू हुई जाट पात की शुरवात, कैसे दे पाएंगे सामाजिक उंच नीच को मात | जरुरत मंद को न मिले मदद आरक्षण बना परेशानी का सबब | क्या यही है आरक्षण का आधार ?
इसी मुदे को उठाते हुए आज सेक्टर 17 प्लाजा में राहुल चौबे द्वारा निर्देशित नुकड़ नाटक “क्या यही है आरक्षण का आधार” का मंचन किया गया | इस नाटक के माध्यम से दिखया गया की किस तरह जाती आरक्षण एक दूसरे को अलग अलग वर्गो में बाँट रहा है , और समय के साथ एक दूसरे से काट रहा है ,कैसे कुछ नेता आरक्षण को हथियार बना भोली भली जनता पर बेरहम वॉर करते है | नाटक में ये भी दिखाया गया की कैसे सामान्ये वर्ग का बच्चा अधिक मेहनत कर अधिक अंक पाता है पर फिर भी आरक्षण के डंक से नहीं बच पाता है |
बेशर्म थिएटर ग्रुप के रंगकर्मियों ने नाटक के अंत तक लोगो से यही सवाल किया “क्या यही है आरक्षण का आधार “? नाटक के अंत में बताया गया की अगर सच्ची में दलितों का भला चाहते हो तो प्राथमिक शिक्षा के स्वरुप को बदलना होगा. आर्थिक आरक्षण में ही सबका भला है | जाती आरक्षण देश को नरक में ले डूबा है | जब आर्थिक आरक्षण आएगा तो समृद्धि का नया दौर लाएगा |
इस नाटक में राधिका, रश्मि, शुबंिट ,अनमोल वैद, अनमोल सपल ,रोहित, गुरसेवक, सुधांशु ऋषभ , शुभम, अनुभव ने अभिनय किया
good work guys ,well done