चंडीगढ़, 6 नवम्बर- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि चिकित्सा सेवा एक व्यवसाय नहीं बल्कि एक मिशन होना चाहिए तथा भारतीय चिकित्सकों की दुनिया में बड़ी प्रतिष्ठिा व नाम है। लोगों को चिकित्सा सेवा देने में पीजीआई, चंडीगढ़ जैसे संस्थानों की अहम भूमिका है, यदि जिला स्तर पर ऐसी संस्थानों का विस्तार तो हम अच्छी से अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवा सकते हैं।
मुख्यमंत्री आज पीजीआई, चंडीगढ़ में आयोजित चार दिवसीय भारतीय न्यूरोलॉजी अकादमी के 22वें वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे।
सम्मेलन में विश्व न्यूरोलॉजी प्रसंघ के अध्यक्ष प्रो० राध शाकिर, भारतीय न्यूरोलॉजी अकादमी के अध्यक्ष प्रो० चन्द्रशेखर मिश्रा, पीजीआई के निदेशक प्रो० योगेश कुमार चावला, निर्वाचित अध्यक्ष डॉ० अरविन्द मुखर्जी, सचिव डॉ० संजीव थोमस, प्रो० प्रमोद कुमार पॉल के अलावा सार्क देशों व देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए न्यूरोलॉजी के संकाय सदस्य व विशेषज्ञ उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार की ओर से पीजीआई जैसी संस्थानों को हर सम्भव सहायता देने का आश्वासन दिया और कहा कि कल्पना चावला के नाम से करनाल में स्थापित किए जा रहे मेडिकल कॉलेज में भी पीजीआई स्तर की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि आज के युग में चिकित्सा विज्ञान ने बहुत तरक्की की है और कईं लाईलाज बीमारियों पर भी नियन्त्रण पा लिया है। परन्तु आधुनिक परिदृश्य में बदलती जीवनशैली, खान-पान और प्रदुषित वातावरण जैसी समस्यों से कईं तरह की बीमारियां पैदा हो रही हैं, जो चिकित्सिकों के लिए चुनौती पैदा कर रही हैं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए विशेषज्ञ अस्पताल, विशेषज्ञ डॉक्टर और नए-नए अविष्कारों की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने पीजीआई की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान देश का जाना-माना संस्थान है और यहां पर स्थित न्यूरोलॉजी विभाग विभाग की गणना देश के सर्वोच्च तीन न्यूरो सेंटरों में होती है। उन्होंने कहा कि केवल न्यूरोलॉजी विभाग में ही 70,000 मरीज सालाना आते हैं और बाकी ओपीडी व आपातकालीन सेवाएं इससे अलग हैं। यहां पर कईं लाख मरीज ईलाज के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 52 वर्षों में इस संस्थान में मरीजों के ईलाज के साथ-साथ अनेक रिसर्च किये गए हैं, जो चिकित्सा जगत के लिए महत्वपूर्ण है।
श्री खट्टर ने स्मरण करवाया कि हालांकि वे भी एक डॉक्टर बनना चाहते थे परन्तु नहीं बन सके, आज जनसेवक के रूप में उन्हें हरियाणा की 2.5 करोड़ लोगों की सेवा करने का अवसर मिला है। वैसे डॉक्टरों को तो देश के 120 करोड़ लोगों की सेवा करनी होती है। उन्होंने कहा कि हमारी अधिकांश आबादी गांवों में रहती है और स्वस्थ्य नागरिकों से ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होता है। इसके लिए सभी लोगों को अच्छी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाना हमारा नैतिक कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि समाज के गरीब से गरीब व्यक्ति को भी हमें सस्ती व बेहतरीन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवानी होगी और यही मानवता की सच्ची सेवा है। इस प्रकार हम स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर और मरीज के बीच एक विश्वास का रिश्ता भी होना चाहिए। मरीज के मन में किसी भी प्रकार की शंका नहीं होनी चाहिए कि डॉक्टर उसे कैसी दवाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि हमें एक ऐसी समग्र स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली बनानी होगी जो सर्वसुलभ, सस्ती और प्रभावी हो।
श्री खट्टर ने उपस्थित लोगों को गुरू पर्व की बधाई भी दी। समारोह में कोलकत्ता के डॉ० कल्याण भट्टाचार्य, दयानन्द मेडिकल कॉलेज, लुधियाना के डॉ० कंवलजीत सिंह तथा मुम्बई के डॉ० सतीश खादरकर को फैलोशिप की डिग्री प्रदान की गई। इसके अलावा न्यूरो सर्जन लखनऊ के पद्मश्री डॉक्टर सतीश प्रधान को भी सम्मानित किया गया।
समारोह को सम्बोंधित करते हुए विश्व न्यूरोलॉजी प्रसंघ के अध्यक्ष प्रो० राध शाकिर ने संघ की गतिविधियों पर प्रकाश डाला और भारतीय न्यूरो सर्जनों के उल्लेखनीय योगदान की सराहना की जिनमें नौसीर वाडिया व भीम सहगल प्रमुख थे। पीजीआई के निदेशक डॉ योगेश चावला ने कहा कि 19 वर्षों के अन्तराल के बाद इस संस्थान को यह सम्मेलन करने का अवसर प्रदान हुआ है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान ने 5000 से अधिक विशेषज्ञ तथा 1700 से सुपर स्पेलिस्ट व अनेक स्नात्तक व स्नातकोत्तर चिकित्सक देश को दिए हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1962 से बने 2,000 बिस्तरों वाले इस संस्थान में प्रतिदिन 10,000 अधिक मरीजों को ईलाज किया जाता है।
इस अवसर पर हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती नवराज संधू, अतिरिक्त मुख्य सचिव, पर्यटन, सांस्कृतिक कार्य विभाग, श्री विजय वर्धन के अलावा अन्य विशिष्ट व्यक्ति उपस्थित थे।