मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिषविद्, चंडीगढ़ : विवाहों तथा अन्य शुभ कार्यों के लिए हमारे देश में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु तथा शुक्र ग्रह की आकाश में अच्छी स्थिति को अधिमान दिया जाता है जिसे पारंपरिक भाषा में तारा डूबना कहा जाता है। विवाह का मुख्य कारक ग्रह ,शुक्र, 28 अप्रैल को अस्त हो गया था और 9 जुलाई की सायं, 18 बजकर 46 मिनट पर पश्चिम दिशा में उदित हो जाएगा। इसी प्रकार गुरु अभी सिंह राशि में राहू के साथ चांडाल योग बनाए हुए हैं और इस पर शनि की क्रूर दृष्टि भी पड़ रही है। गुरु ग्रह 11 अगस्त को कन्या राशि में आ जाएंगे और 29 जनवरी से चल रहा गुरु – चांडाल योग भी समाप्त हो जाएगा।
निस्संदेह शुक्र उदित हो गए है। फिर भी विवाह का पहला शुभ मुहूर्त 13 जुलाई से ही आरंभ हो रहा है। सिंह राशि और सिंह लग्न वाले लागों के लिए 12 अगस्त के बाद ही विवाह करने चाहिये जब गुरु और राहू अलग हो जाएं और शनि की दृष्टि भी हट जाए। बारह अगस्त के बाद गुरु तथा शुक्र दोनों ग्रह ही वैवाहिक तथा अन्य मांगलिक कार्यों के लिये शुभ हो जाएंगे।
जुलाई में विवाह के शुभ दिन, 13 ,14,19,20,21,24,25, और 29 हैं।
अगस्त- 3,4,6,7,8,9,14,18,20,21,25,26
सितंबर-2,3,4,10,11,14,19,20,25,26
अक्तूबर- 1,2,3,4,7,8,11,12,16,23,24,25,30
नवंबर- 1,2,3,4,7,8,11,12,16,23,24,25,30
दिसंबर- 1,3,4,8,9,10,12,13