चंडीगढ़ : योग ऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज द्वारा जन -जन को निरोग बनाने के मिशन के अंतर्गत घर -घर तक योग पहुंचाने के लिए पतंजलि योग समिति चंडीगढ़ द्वारा नये योग शिक्षक तैयार करने के लिए सह-योगशिक्षक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन 15 अप्रैल 2019 से 12 मई 2019 तक सेक्टर 44 बी, चंडीगढ़ में किया गया जिसमें 48 प्रतिभागियों ने सह-योग शिक्षक का प्रशिक्षण लिया। इसमें पतंजलि योगपीठ हरिद्वार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार प्रतिभागियों को आयुर्वेद, वैदिक शिक्षा , मानव शरीर विज्ञान, प्राकृतिक चिकित्सा, व योग दर्शन के अनुसार योग,आसन, प्राणायाम, आदि का मूलभूत एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया, सभी की मौखिक, लिखित व व्यवहारिक परीक्षा भी ली गई।
इस शिविर के समापन अवसर पर आज सेवा भारती भवन सेक्टर 29ए में पतंजलि योग शिक्षक एवं जिला प्रभारी सुधीर आर्य द्वारा दीक्षा यज्ञ करवाया गया जिसमें नये योग शिक्षकों ने आहुति डाली व चंडीगढ़ में नई योग कक्षाएं चलाकर सभी को योग सिखाने का संकल्प लिया, अब चंडीगढ़ में पतंजलि योग समिति के योग शिक्षकों की संख्या बढ़कर 174 हो गई है ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक श्री चंद्रकांत जी एवं पतंजलि योग समिति के राज्य प्रभारी विनोद भारद्वाज जी के द्वारा आरपीएल की योग परीक्षा के सफल प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।राज्य कार्यकारिणी सदस्य श्री रोशन लाल जी ने मुख्य अतिथि श्री चन्द्रकांत जी, प्रमोद छाबड़ा जी,करण जी, दयानिधि जी,पतंजलि राज्य प्रभारी श्री विनोद भारद्वाज जी एवं आए हुए सदस्यों का अभिनंदन किया।युवा राज्य प्रभारी श्री जनक मगोत्रा ने सहयोग शिक्षक प्रशिक्षण शिविर के बारे में जानकारी प्रदान की।
उपरोक्त कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए मीडिया राज्य प्रभारी श्री तेजपाल सिंगल जी ने बताया कि आदरणीय श्री आर आर पासी जी ने आरपीएल परीक्षा के बारे में जानकारी दी एवं मतदान के विषय में स्वामी रामदेव जी का संदेश देते हुए कहा कि हम सभी को राष्ट्रहित में 100% मतदान कर प्रधानमंत्री पद के लिए योग्य व्यक्ति का ही चुनाव करना चाहिए।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में राज्य कार्यकारिणी सदस्य बहन राजेश कुमारी, श्री अजीत हांडा जी,श्री भगवंत राम, श्री सुरेंद्र कुमार, श्री विनय जी, श्री दीपक जी,कृष्ण नंद पांडे जी,अश्विनी जी, रेनू जी, सुबोध, चैतन्या व अन्य सभी कार्यकर्ताओं भाई बहनों का विशेष योगदान रहा।