राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष डॉक्टर राजकुमार वेरका ने आज पंजाब के चीफ सेक्रेटरी सर्वेश कौशल समेत कई बड़े अधिकारीयों के साथ मीटिंग की। डॉक्टर वेरका ने उच्च अधिकारीयों को हाई कोर्ट के फैसले से उत्प्न्न हुई परिस्थितियों से अनुसूचित जाति के छात्रों को प्रवेश हेतु समस्याओं के निपटारे के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। डॉक्टर वेरका ने पंजाब में अनुसूचित लड़के और लड़कियों के हॉस्टल बनाने के भी निर्देश दिए।
आज मीटिंग के दौरान चीफ सेक्रेटरी के अलावा सीमा जैन सेक्रेटरी वेलफेयर, अंजलि भंवरा प्रमुख सचिव सेकंडरी एजुकेशन, रोशन सुनकारिया प्रमुख सचिव उच्चतर शिक्षा, जसपाल सिंह वित्त सचिव, राकेश वर्मा सचिव तकनिकी शिक्षा, परमजीत सिंह डायरेक्टर वेलफेयर भी मौजूद थे।
हाई कोर्ट के फैसले के बारे में सेक्रेटरी वेलफेयर सीमा जैन ने बताया कि रामगढ़िया पॉलिटेक्निक सतनामपुरा, दोआबा कॉलेज, बी एल एम गर्ल्स कॉलेज तथा खालसा इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी फॉर वुमन ने हाई कोर्ट का रुख किया था।
डॉक्टर वेरका ने कहा कि अनुसूचित जाती के लगभग पांच लाख छात्रों का भविष्य इस कारन अँधेरे में होने लगा है क्योंकि उनसे कॉलेज वाले शुरू में ही एडमिशन फीस मांगने शुरू हो गए हैं। इसके लिए कोई नए दिशा निर्देश दिए जाने जरूरी हैं।
इस पर चीफ सेक्रेटरी सर्वेश कौशल ने डॉक्टर वेरका को आश्वासन दिया कि वे सभी कालेजों को विश्वास दिलाएंगे कि उनकी रकम डूबेगी नहीं, अनुसूचित छात्रों को दखिला दिया जाये। उन्होंने सभी सेक्रेटरियों को एक मीटिंग करने का आदेश दिया तकि इस मामले का हल जल्दी से जल्दी निकल सके।
डॉक्टर वेरका ने ये भी निर्देश दिए कि पंजाब में अनुसूचित जाती के लड़के और लड़कियों के लिए कोई हॉस्टल नहीं है, केंद्र सरकार से मिलने वाली स्कीम के तहत हॉस्टल बनाये जाएं और अनुसूचित जाती के लिए आने वाले फण्ड का इस्तेमाल इनकी डायरेक्ट स्कीमों में ही खर्च किया जाये।
चीफ सेक्रेटरी ने विश्वास जताया कि इस बार कॉलेज के लिए केंद्र से आने वाले पैसे लिया जायेगा और कॉलेजों का निर्माण किया जायेगा।